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कन्याकुमारी में PM मोदी ने दिया सूर्य अर्घ्य, कुछ इस तरह आए नजर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल में सूर्योदय के दौरान ‘सूर्य अर्घ्य’ दिया। मोदी दो दिनों के ध्यान अभ्यास के लिए रॉक मेमोरियल पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़कर प्रणाम करने के बाद ‘सूर्य अर्घ्य’ दिया। ‘सूर्य अर्घ्य’ आध्यात्मिक अभ्यास से जुड़ी एक परंपरा है, जिसमें भगवान सूर्य को जल अर्पित कर उन्हें नमन किया जाता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक संक्षिप्त वीडियो पोस्ट किया, जिसमें प्रधानमंत्री एक लोटे से सूर्य को जल अर्पित करते और माला जपते नजर आ रहे हैं।

भगवा कुर्ता, शॉल और धोती पहने नजर आए
पार्टी ने पोस्ट में कहा, ”सूर्योदय, सूर्य अर्घ्य, आध्यात्मिकता”। भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जिसमें वह भगवा कुर्ता, शॉल और धोती पहने हुए ध्यान मंडपम में ध्यान में लीन दिखाई दे रहे हैं। तस्वीरों में उनके सामने रखी अगरबत्ती को धीरे-धीरे जलते हुई देखा जा सकता है। मोदी ने अपने हाथों में जप माला लेकर मंडपम का चक्कर भी लगाया। प्रधानमंत्री ने विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 30 मई की शाम को ध्यान लगाना शुरू किया और वह 1 जून की शाम तक इस मुद्रा में रहेंगे।

राजनीति से जुड़े लोगों के लिए सूर्य का बड़ा महत्व हैं
बता दें कि जो लोग राजनीति से जुड़े होते हैं, उनके लिए सूर्य का बड़ा महत्व हैं क्योंकि सूर्य राजा हैं। राजनेताओं के लिए सूर्य का मजबूत होना बहुत जरूरी है। यदि सूर्य मजबूत होगा, तभी आपको यश और उच्च पद की प्राप्ति हो पाएगी। आपका मनोबल, इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास चट्टान की तरह मजबूत होगा। इस वजह से ही आप बड़े फैसले कर पाने में सक्ष्म होंगे। कठिन से कठिन परिस्थितियों पर भी विजय हासिल करने में सफल हो पाएंगे।

76 दिनों में लगभग 206 चुनाव अभियान कार्यक्रम किए
भाजपा अपने तीसरे कार्यकाल की ओर बढ़ रही है और पीएम मोदी ने देशभर में अपनी पार्टी के लिए व्यापक प्रचार किया है। प्रधानमंत्री ने 76 दिनों में रैलियों और रोड शो समेत लगभग 206 चुनाव अभियान कार्यक्रम किए। उन्होंने अलग-अलग समाचार और मीडिया प्लेटफार्मों के साथ लगभग 80 इंटरव्यू भी किए। प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के अंत में हर बार की तरह आध्यात्मिक यात्रा पर कन्याकुमारी गए हुए हैं। 2019 में उन्होंने केदारनाथ का दौरा किया,और 2014 में उन्होंने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था।

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