आषाढ़ का महीना शुरू हो चुका है. इस महीने की दोनों एकादशी का काफी खास महत्व होता है. आषाढ़ महीने की एकादशी को योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस महीने की एकादशी के बाद से ही भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं और चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है. इसलिए भी यह महीना अत्यंत खास माना जाता है. क्योंकि इसके बाद किसी प्रकार का मांगलिक कार्य नहीं होता है. इस महीने में कई सारे व्रत और त्योहार भी आते हैं, जिसका महत्व आम लोगों के लिए काफी खास माना जाता है.
इस महीने में पूजा करने से मिलते हैं कई सारे फल
आषाढ़ के महीने में पड़ने वाले व्रत त्यौहार के दौरान पूजा पाठ करने से लोगों को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. आषाढ़ महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन भर किसी प्रकार के संकट का सामना मनुष्य को नहीं करना पड़ता है. अगर आषाढ़ मास की योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाए तो मनुष्य के जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
योगिनी एकादशी करने से मनुष्य के जीवन में मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. उन्होंने बताया कि तंत्र विद्या करने वाले लोगों के लिए भी आषाढ़ का महीना काफी विशेष माना जाता है. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि के दिन महाविद्या की पूजा करने से अघोरी और तंत्र विद्या के साधकों को अमोघ शक्तियां मिल जाती हैं
यहां देखिए आषाढ़ महीने में पड़ने वाले सभी व्रत
25 जून, मंगलवार : कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी
2 जुलाई, मंगलवार: योगिनी एकादशी
3 जुलाई, बुधवार : प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
4 जुलाई, गुरुवार : मासिक शिवरात्रि
5 जुलाई, शुक्रवार : आषाढ़ अमावस्या
6 जुलाई, शनिवार : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि
7 जुलाई, रविवार : जगन्नाथ रथ यात्रा
9 जुलाई, मंगलवार : विनायक चतुर्थी
16 जुलाई, मंगलवार : कर्क संक्रांति
17 जुलाई, बुधवार : देवशयनी एकादशी
19 जुलाई, शुक्रवार : प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
20 जुलाई, शनिवार : कोकिला व्रत
21 जुलाई, शनिवार : गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा