सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के मामले में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दस दिन के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. मामले की सुनवाई जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच ने की.
मऊ के घोषी से विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 31 अगस्त 2024 को चित्रकूट के कर्वी कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज करवाई गई थी. कर्वी कोतवाली के इंस्पेक्टर उपेंद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर अब्बास के खिलाफ गिरोहबंद क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के तहत केस दर्ज किया गया था।
इसी मामले में अब्बास के अलावा नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शहबाज आलम खान पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
पिछले महीने 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में अब्बास की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि गैंगस्टर के मामले में कोर्ट चार हफ्ते के अंदर सुनवाई पूरी करने का प्रयास करें. अब्बास को पिछले महीने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत मिली थी.
कासगंज जेल में बंद हैं बाहुबली मोख्तार के बडे बेटे अब्बास
घोषी से विधायक अब्बास अंसारी इस समय कासगंज जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह डी-01/2024 के रजिस्टर्ड गैंग लीडर हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास ने अपने पिता की परंपरागत सीट घोषी से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर जीत दर्ज की थी. चुनाव में जीत के तुरंत बाद ही पुलिस ने अब्बास को गिरफ्तार कर लिया था और तब से वह जेल में ही बंद हैं.