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वन मंडल कोरबा के भुलसीडीह गांव में वन विभाग की 200 एकड़ से अधिक जमीन की अवैध खरीदी- बिक्री का मामला

कोरबा। रायपुर

बीबीसी लाईव-एक्सक्लुसिव ख़बर 

वन मंडल कोरबा के भुलसीडीह गांव में वन विभाग की 200 एकड़ से अधिक जमीन की अवैध खरीदी- बिक्री का मामला जमकर तूल पकड़ रहा है। इस मामले में कुछ छुटभैये नेता और वन विभाग के कर्मियों और रेंजर के नाम की चर्चा जोरो पर है।

भुलसीडीह अनसर्वेड विलेज है। वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस बात का लंबे समय से फायदा उठाते रहे हैं न केवल वे स्वयं अतिक्रमण कर वन भूमि पर काबिज होते रहे हैं बल्कि कुछ छुटभैये नेताओं की आड़ में वन भूमि की अवैध बिक्री भी करते रहे हैं इन दिनों भी बड़े पैमाने पर भुलसीडीह में वन भूमि की अवैध खरीदी बिक्री की जा रही है। इस गोरखधंधे में दो स्थानीय छुटभैये नेताओं का नाम सुर्खियों में है। यहां दो लाख रुपये डिसमिल की दर से जमीन बेची जा रही है। पूरा कारोबार सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।

भुलसीडीह में जमीन हथियाकर की लोगों ने आलीशान भवन बना लिया है। जमीन हथियाने का सिलसिला अभी भी जारी है। गांव में मेडिकल कालेज के कैम्पस का निर्माण शुरू हो गया है। कालेज की वजह से यहां की जमीन बेशकीमती हो गई है। इसी बात का फायदा उठाकर यहां वन भूमि की अवैध खरीदी बिक्री की जा रही है।

आश्चर्य की बात है कि कोरबा शहरी क्षेत्र से सटे भुलसीडीह में वन भूमि की अफरा- तफरी पर डी एफ ओ कोरबा की अब तक कैसे नजर नहीं पड़ी है? ऐसा प्रतीत होता है कि डी एफ ओ के पास विभाग की प्रॉपर्टी की सुरक्षा करने के लिए समय नहीं है।

आपको बताते चलें कि भुलसीडीह गांव की ओर जाने वाली सड़क में करीब ही डूमरडीह में भी कोरबा से कोरकोमा जाने वाली सड़क के किनारे भैंस खटाल की आड़ में करीब 10 एकड़ जमीन पर बेजा कब्जा किया जा रहा है। इसके अलावे भी वन मण्डल कोरबा क्षेत्र के की गांवों में बड़ी संख्या में लोगों ने बेजा कब्जा कर लिया है। यहां तक कि कोरबा के की सफेदपोश लोगों ने फार्म हाउस तक बना लिया है। खेद की बात तो यह भी है कि जिला प्रशासन भी इस सम्बंध में उदासीन बना हुआ है। यही नहीं राजस्व विभाग का अमला भी शासकीय जमीनों की अफरा तफरी में जुट हुआ है। हाल के दिनों में कोरबा शहरी क्षेत्र में ही बड़ी संख्या में लोगों ने अवैध कब्जा किया है। यह सिलसिला अभी भी लगातार जारी है। राजस्व विभाग और नगर पालिक निगम दोनों ही इस पर लगाने का कोई प्रयास नहीं मर रहे हैं।

हमने जब उक्त मामले में डीएफओ से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके मोबाइल पर सम्पर्क नही हो सका है, बहरहाल हम इस खबर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के सीएम और वन मंत्री को सूचित करते हुए निवेदन करते है उक्त मामले की जांच तहसीलदार और कलेक्टर से कराया जाए, ताकि सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही हो सके।

अगली खबर कोरबा वन मण्डल में हुए कैम्पा घोटालों की एक एक कार्यो की पड़ताल से सम्बंधित रहेगी…तब तक बीबीसी लाईव को सपोर्ट करते रहे-अब्दुल सलाम कादरी(प्रधान सम्पादक)

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