रिपोर्टर पवन साहू धमतरी
धमतरी रुद्री में श्री नरेन्द्र दीनदयाल कौशल साहू जी के शुभ संकल्प से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस श्री प्रख्यात भागवत प्रवक्ता
आचार्य श्री रामप्रताप शास्त्री जी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहां की नंद उत्सव के पश्चात भी बधाइयां देने का हर्षोल्लास बना रहा तब कंस के आदेश पर पूतना नाम की राक्षसी अपने स्तनों में जहर लगाकर भगवान कृष्ण को मारने आई उसे देखकर भगवान ने नेत्र बंद कर लिए पूतना भगवान को उठाकर आकाश मार्ग में ले गई भगवान ने दूध के साथ पूतना के प्राणों को भी पी लिया और उसका उद्धार कर दिया। महाराज जी ने कथा के प्रसंग में श्री राधा जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया और शिक्षा प्रदान की की बेटा बेटी में भेद नहीं समझना चाहिए एक समान दृष्टि रखना चाहिए शहनाई उसी के घर बजती है जिसके यहां बेटी का जन्म होता है।
प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए श्री शास्त्री जी ने बताया कि भगवान ने अघासुर बकासुर धनु का सुर आदि कई राक्षसों का उद्धार किया माखन चोरी लीला का समाज को संदेश दिया कि पहले अपने परिवार को पुष्ट करें फिर विक्रय करें। चीर हरण लीला के अंतर्गत प्रभु ने समझाया कि जलाशय में कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान ना करें ऐसा करने से जल के देवता वरुण देव का अपमान होता है।
यमुना जी को कालिया नाग के प्रदूषण से मुक्त कराया और यमुना जल को स्वच्छ किया लेकिन आज कई कालिया उत्पन्न हैं जो भारत देश की स्वच्छ नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं आज हमारे देश की नदियां प्रदूषित हो गई हैं समाज को एकजुट होकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना चाहिए जिससे वह पहले की भांति स्वस्थ हो जाएं। गोवर्धन पर्वत पूजा करवाई श्री कृष्ण ने ब्रज वासियों से पर्वत पूजा का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण का यही था की प्रकृति की पूजा ही परमात्मा की सच्ची पूजा है श्री शास्त्री जी ने बताया कि भगवान कृष्ण का एक नाम वनमाली भी है क्योंकि वह प्रकृति से बहुत स्नेह करते हैं प्रकृति है तो ही संसार है श्री गिरराज महाराज को 56 भोग लगाया गया प्रसाद वितरण किया गया।
कथा श्रवण करने पहुंचे
पूर्व विधायक इंदर चोपड़ा, संतोष तेजवानी, राकेश चंदवानी, राहुल चोपड़ा, नगर पंचायत अध्यक्ष हेमंत माला , डीपेंद्र साहू,लक्ष्मीनारायण साहू,गोपी सिन्हा,गगन प्रसाद सिन्हा ,हेमराज दादर ,गंभीर साहू ,ओमप्रकाश साहू, डी आर साहू ,गणेश राम साहू ,लिसेश साहू , रोहित साहू, रामकुमार साहू, भरत सोनी, शिव प्रसाद, लल्लूराम यादव, भुषण साहू, ओमप्रकाश महावर, गोपाल साहू,सुनील साहू माधवेन्द्र हिरवानी, अर्चना साहू ,माया साहू, दमयंती साहू, जागेश्वरी साहू, भुनेश्वरी, दीपेश्वरी साहू,सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण शामिल हुए ।