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November 22, 2024
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Diwali 2024: इस साल कब है दीवाली, 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, जानिए यहां

रायपुर। भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली (Diwali) का आगमन अब नजदीक है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है, लेकिन इस बार इसकी तारीखों को लेकर कुछ कंफ्यूजन उत्पन्न हो गया है।

अमावस्या की तिथियाँ

इस वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होगी और 1 नवंबर 2024 (शुक्रवार) को शाम 6:17 बजे समाप्त होगी। इस कारण कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने की सलाह दे रहे हैं, जबकि अन्य 1 नवंबर को मनाने के पक्ष में हैं।

दिवाली मनाने का सही दिन

हिंदू धर्म में पूजा का समय उदयातिथि के आधार पर निर्धारित किया जाता है, लेकिन दिवाली की पूजा हमेशा प्रदोषव्यापिनी अमावस्या को ही की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, इस वर्ष दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाया जाएगा।

दिवाली का यह पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने, बुराई पर अच्छाई की विजय और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। चारों ओर दीयों की रोशनी, रंगोली, मिठाइयों और पटाखों से सजने वाला यह पर्व सभी के लिए खुशी और उमंग का संदेश लाता है।

इस प्रकार, यदि आप दिवाली की पूजा की सही तिथि जानने के इच्छुक हैं, तो याद रखें कि इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।

इन मंदिरों में भी 31 को मनेगी दिवालीः मां महामाया मंदिर पुरानी बस्ती, दंतेश्वरी मंदिर कुशालपुर, लक्ष्मी नारायण मंदिर सत्ती बाजार, गिरिराज मंदिर बूढ़ापारा, गोपाल मंदिर सदर बाजार, प्राचीन हनुमान मंदिर गुढ़ियारी, श्रीखाटू श्याम मंदिर समता कॉलोनी, काली माता मंदिर आकाशवाणी चौक।

31 अक्टूबर को मनाना होगा शास्त्रसम्मत, पंडित संतोष शर्मा 

महामाया मंदिर, रतनपुर के न्यासी पंडित संतोष शर्मा ने दिवाली को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाना ही शास्त्रसम्मत है।

पूजा का सही समय

पंडित शर्मा के अनुसार, दीपावली प्रदोष काल की पूजा है, जो विशेष महत्व रखता है। छत्तीसगढ़ के पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से 1 नवंबर को शाम 6:15 बजे तक अमावस्या तिथि होगी। इस दिन सूर्यास्त 5:24 बजे होगा, जिसके बाद पूरी रात महालक्ष्मी और महाकाली पूजा का योग बन रहा है।

प्रदोष काल का महत्व

पंडित शर्मा ने बताया कि 1 नवंबर को अमावस्या तिथि के साथ प्रदोष काल और वृषभ लग्न का योग नहीं बन रहा है। इसलिए, इस वर्ष दीपावली की पूजा 31 अक्टूबर को ही करनी चाहिए।

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