नई दिल्ली। बीतें दिनों मंगलवार को संसद में काफी हंगामा देखें को मिला। जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा आंबेडकर को लेकर विवादित दिप्पणी की गई, वहीं कांग्रेस ने भी बाबा आंबेडकर की टिपण्णी पर अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर डाली। इस घटना के बाद अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर छत्तीसगढ़ समेत मध्य प्रदेश में भी सियासत होना शुरू हो चुका है।
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान ने अमित शाह के बयान पर सभी से माफी मांगी है, उन्होंने कहा है कि, भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर का सम्मान किया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा ने हमेशा भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर का सम्मान किया है। वे हमारे दिलों में रहते हैं। कांग्रेस को जवाब देना होगा कि, उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान क्यों किया। बाबा साहेब को मजबूरन नेहरू की मंत्रिपरिषद से बाहर क्यों होना पड़ा? क्या कांग्रेस ने आरक्षण के मामले में अंबेडकर की बात नहीं मानी? यही कांग्रेस है, जिसने उन्हें चुनाव हरवाया। बाबा साहब हमारे लिए युगपुरुष हैं, उन्होंने ही संविधान बनाया… मगरमच्छ के आंसू कहो कुछ और करो कुछ
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना
उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते लिखा है कि, कांग्रेस ने कभी डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का सम्मान नहीं किया, उन्हें हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की। कल सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अंबेडकर जी और दलित समाज के प्रति जब अपनी बात रखी तो कांग्रेस के पेट में दर्द होना शुरू गया, हो भी क्यों न, कांग्रेस की सच्चाई अब देश जान रहा है तो कांग्रेस भयभीत हो रही है, चिंतित है कि उनकी बची-कुची जमीन भी छिनने जा रही है। कांग्रेस जवाब दे, राहुल जी, सोनिया जी और खड़गे जी जवाब दें, उन्होंने कब बाबा साहब और उनकी भावनाओं का सम्मान किया? पंचतीर्थ का निर्माण किसने कराया, कांग्रेस जवाब दे? बाबा साहेब को नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों देना पड़ा था, कांग्रेस जवाब दे ? आरक्षण के मामले में नेहरू जी से लेकर कांग्रेस की सरकारों ने उचित निर्णय क्यों नहीं लिए, कांग्रेस जवाब दे?
प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह ने कही ये बात
वहीं आज बुधवार शाम को गृह मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “पिछले दिनों संसद में संविधान पर विस्तृत चर्चा हुई। लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने की कोशिश की, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।” उन्होंने कहा कि, “भाजपा के नेताओं ने तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि, कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान और डॉ. अंबेडकर का विरोध किया है। आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने संविधान के मूल ढांचे को चोट पहुंचाई थी। सावरकर जैसे महान विभूतियों का अपमान कर और संवैधानिक मूल्यों का हनन कर कांग्रेस ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है।”