नई दिल्ली। लोग अक्सर तर्क देते हैं कि लड़कियों को अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए या उनके साथ हमेशा परिवार के सदस्य होने चाहिए ताकि उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को रोका जा सके। लेकिन, उन युवा लड़कियों के बारे में क्या कहा जा सकता है जो अपने ही परिवार के सदस्यों के हाथों अत्याचार सहती हैं?
बता दें कि, सीकर में छठी कक्षा की एक लड़की दरिंदे के चंगुल में फंसकर गर्भवती हो गई। लड़की की उम्र महज 13 साल है। पिछले कुछ दिनों से उसका वजन बढ़ रहा था और पेट भी फूल रहा था। इन बदलावों को देखकर लड़की की मां घबरा गई। हालांकि, उसे अस्पताल पहुंचने से पहले यह पता नहीं चला कि उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ है। अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि उसकी बेटी गर्भवती है। यह गलत काम उसके अपने चाचा और उसके बेटे ने किया था।
चाचा और उसके बेटे ने किया नाबालिंग के साथ कुकर्म
पीड़िता की मां ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने लड़की के चाचा और उसके बेटे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। अपनी बेटी के पेट में सूजन देखकर वह उसे अस्पताल ले गई, जहां पता चला कि उसकी तेरह वर्षीय बेटी गर्भवती है। पूछताछ करने पर बेटी ने बताया कि उसके चाचा और उसका बेटा उसके साथ दुष्कर्म कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया।
दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया था। अब कोर्ट ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़िता को दिया जाएगा। साथ ही पीड़िता को मुआवजा योजना के तहत पांच लाख रुपए दिए जाने की संस्तुति की गई है। गौरतलब है कि पीड़िता की हालत को देखते हुए कोर्ट ने उसे गर्भपात कराने का आदेश दिया था, क्योंकि उस समय वह आठ महीने की गर्भवती थी।