Mahakumbh 2025: हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला हिंदू धर्म की आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक है. इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. दुनियाभर से श्रद्धालुओं का सैलाब संगम में पवित्र स्नान करने के लिए उमड़ रहा है. मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन भी है, जहां आध्यात्मिकता और परंपराएं जीवंत हो उठती हैं.
अगर आप भी महाकुंभ मेले में जाने का मन बना रहे हैं, तो इसकी योजना पहले से बनाना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं महाकुंभ तक पहुंचने के आसान रास्ते, जरूरी जानकारी और कुछ महत्वपूर्ण सुझाव.
महाकुंभ 2025 तक कैसे पहुंचे?
महाकुंभ मेला स्थल, प्रयागराज रेलवे स्टेशन से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए टैक्सी, ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा की सुविधा आसानी से मिलती है.
- प्रमुख रेलवे स्टेशन और संगम की दूरी
- प्रयागराज में कुल 9 प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जिनसे आप महाकुंभ मेला स्थल तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
- प्रयागराज जंक्शन : 11 किमी मेले से दूर
- फाफामऊ जंक्शन: 18 किमी मेले से दूर
- प्रयाग जंक्शन: 9.5 किमी मेले से दूर
- प्रयागराज संगम स्टेशन: 2.5 किमी मेले से दूर
- झूंसी स्टेशन: 3.5 किमी मेले से दूर
- प्रयागराज छिंक्की स्टेशन: 10 किमी मेले से दूर
- नैनी जंक्शन: 8 किमी मेले से दूर
- प्रयागराज रामबाग स्टेशन: 9 किमी मेले से दूर
- सूबेदार गंज स्टेशन: 14 किमी मेले से दूर
हर स्टेशन से मेला स्थल तक पहुंचने के लिए ऑटो, टैक्सी और बस की सुविधा उपलब्ध है.
सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे महाकुंभ
अगर आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, तो प्रयागराज के इन मुख्य मार्गों से संगम की दूरी जानना फायदेमंद हो सकता है. – अयोध्या मार्ग: 14 किमी मेले से दूर
- लखनऊ मार्ग: 14 किमी मेले से दूर
- जौनपुर मार्ग: 6 किमी मेले से दूर
- वाराणसी मार्ग: 6 किमी मेले से दूर
- मिर्जापुर मार्ग: 8 किमी मेले से दूर
- चित्रकूट-रीवा मार्ग: 8 किमी मेले से दूर
- कानपुर मार्ग*: 12 किमी मेले से दूर
महाकुंभ में क्या करें और क्या न करें?
शाही स्नान के समय पहले साधु-संतों को स्नान करने दें और फिर अपनी बारी का इंतजार करें. स्नान से पहले शरीर को साफ करें और मन को शांत रखें. संगम में स्नान करते समय कम से कम पांच डुबकी जरूर लगाएं. पुलिस और प्रशासन द्वारा जारी नियमों का पालन करें
क्या न करें
मेला क्षेत्र में गंदगी न फैलाएं और पवित्र स्थल की गरिमा बनाए रखें. भीड़भाड़ में धैर्य न खोएं और अनुशासन बनाए रखें. सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज न करें और कीमती सामानों का ध्यान रखें.
महाकुंभ में जाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ होती है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाना आवश्यक है. गर्म कपड़े, दवाइयां और स्नान के लिए टॉवल साथ रखें. मुख्य स्नान वाले दिन ज्यादा भीड़ होती है, इसलिए अपने समय का चयन सोच-समझकर करें. इसके साथ बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखें और अजनबियों से सावधान रहें
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम है. संगम पर स्नान को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. साधु-संतों और लाखों श्रद्धालुओं का यहां जुटना इस आयोजन को भव्य और अद्वितीय बनाता है.