कोरबा। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बांगो थाना प्रभारी निरीक्षक उषा सोंधिया और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि थाना प्रभारी के संरक्षण में पुलिस टीम वाहन चेकिंग और शराब पकड़ने के नाम पर अवैध वसूली कर रही थी। इसी धर-पकड़ में थाना प्रभारी ने एक जनप्रतिनिधि के रिश्तेदार को पैसों की अवैध वसूली के लिए घंटो थाने में बैठा दिया। फोन पे पर आन लाइन पैसा मिलने के बाद ही उसे थाने से छोड़ा गया। मामले की शिकायत के बाद एसपी ने अवैध वसूली के साक्ष्य मिलने पर टीआई और प्रधान आरक्षक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने जिले में अवैध कारोबार और शराब से संबंधित मामले में सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिये है। लेकिन एसपी के इसी कड़े निर्देश को जिले के आउटर के थाना प्रभारी वसूली का माध्यम बना बैठे है। कुछ ऐसा ही मामला बांगो थाना का सामने आया है। यहां पदस्थ थाना प्रभारी उषा सोंधिया पर वाहन चेकिंग और शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों से अवैध वसूली की गंभीर शिकायते मिल रही थी। इसी बीच थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल ने सचिन कुमार मिश्रा को वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ लिया।
पुलिस जांच के दौरान सचिन कुमार मिश्रा ने शराब का सेवन कर रखा था। नियमतः उस पर पुलिस को कानूनी कार्रवाई करनी थी। लेकिन थाना प्रभारी के निर्देश पर प्रधान आरक्षक ने उसे थाने में बिठा लिया गया। इसके बाद कानूनी कार्रवाई करने और बाइक को न्यायायल से छुड़वाने का खौफ दिखाकर पैसों का डिमांड किया जाने लगा। सचिन कुमार के पास नगद पैसा नही होने पर उसने अपनी मजबूरी बतायी।
लेकिन थाने में उसे घंटो बिठाकर रखा गया और काफी देर बाद आन लाइन 10 हजार 500 रूपये पेमेंट प्राप्त करने के बाद उसे थाने से जाने दिया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस की इस अवैध वसूली की शिकायत सचिन कुमार ने पाली जनपद अध्यक्ष से करने के साथ ही एसपी सिद्धार्थ तिवारी से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने मामले की जांच का निर्देश दिया गया। जांच में बांगो थाना प्रभारी उषा सोंधिया और प्रधान आरक्षक के खिलाफ अवैध वसूली के साक्ष्य मिलने के बाद एसपी ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
