रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में कार्रवाई करते हुए रायपुर पुलिस ने गोवा से 8 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद अब कई बड़े खुलासे किए है। अपनी इन्वेस्टिगेशन में रायपुर क्राइम ब्रांच और साइबर यूनिट ने 40 छोटे और 3 बड़े बैंक खातों का पता लगा लिया है, जिनमें सट्टे की रकम का ट्रांजेक्शन चल रहा था। इनमें दर्जनभर खाते रायपुर और भिलाई के तथा कुछ प्रदेश के अन्य शहरों के हैं। इन खातों में लेनदेन का ट्रेंड भी चौंकाने वाला है। पता चला है कि दुबई तथा गल्फ कंट्रीज के कुछ शहरों में बैठे चेकर इन खातों का बैलेंस कभी भी 50 हजार रुपए से ऊपर होने नहीं देते हैं। जैसे ही रकम बढ़ती है, वे इन्हें आरटीजीएस या आनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए बड़े खातों में ट्रांसफर करते रहे हैं ताकि इन छोटे खातों पर बैलेंस की वजह से कोई संदेह नहीं हो। बडे़ खातों का ताल्लुक शैल कंपनियों से है, जिसमें हर छोटे खाते से थोड़ी-थोड़ी देर में रकम ट्रांसफर की जा रही है।
रायपुर पुलिस की साइबर यूनिट इन सभी खातों का डीटेल निकाल रही है। इससे ट्रांजेक्शन की जानकारियां मिल रही हैं, जो संकेत दे रही हैं कि पूरा धंधा किस तरह चला। मोबाइल फोन, सिम कार्ड तथा अन्य माध्यमों से जो खाते मिले हैं, आला अफसरों का मानना है कि उनकी संख्या और बढ़ेगी। साइबर यूनिट इस मामले में हाईटेक तरीके से काम कर रही हैं। जानकारों के मुताबिक जब खातों की डीटेल आएगी, तब यह चौंकाने वाली होगी। अभी जो ट्रेंड नजर आ रहा है, उससे लगता है कि सारे खाते फर्जी नाम से हैं। नाम भी ऐसे हैं, जो कभी जीवन में सट्टा वगैरह नहीं खिलवा सकते। खातों का पता इसलिए चल रहा है, क्योंकि इनसे ट्रांसफर जिन बड़े खातों में हुए, उनमें और भी खातों से दिन में कई बार पैसे आ रहे हैं। ये खाते अब भी एक्टिव हैं, इसलिए भी साइबर यूनिट को तेजी से जानकारी मिल रही है। पता तो यह भी चला है कि कोलकाता और गोवा में छापेमारी तथा खातों का पता चलने के बाद पुलिस फिर बड़े छापों की तैयारी में जुट गई है।