रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में जेल में बंद निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज हो गई है। गुरुवार को सुनवाई के बाद ACB/EOW की फर्स्ट एडीजे कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिखा था, लेकिन कुछ ही देर बाद फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। केस डायरी पढ़ने के बाद 25 रुपए लेवी का लाभ लेने की आशंका और जमानत का लाभ देने पर केस की जांच प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है। जमानत खारिज करते हुए कोर्ट ने लिखा है कि केस डायरी में उल्लेखित सामग्री से अपराध में अभियुक्ता की प्रथम दृष्टया संलिप्तता दिखती है। ACB/EOW की विशेष कोर्ट में हुई थी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी।
कोयला घोटाले मामले मे जेल में बंद पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई विशेष कोर्ट में हुई। बचाव पक्ष ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए बताया कि पिछली न्यायिक रिमांड डेट को EOW के पत्र का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि EOW ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई। साथ ही ED के एफआईआर एफआईआर में कहीं भी पद का दुरुपयोग करने का सुबूत नहीं है। बचाव पक्ष ने कश्मीर के एक मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि एक युवक प्रधानमंत्री का करीबी बनकर घूम रहा था। प्रधानमंत्री के पद का दुरुपयोग करने वाले को गिरफ्तार किया गया न कि प्रधानमंत्री को। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई केस को प्रस्तुत कर जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया। EOW की तरफ से डॉ. सौरभ कुमार पांडे और बचाव पक्ष से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वकील हर्षवर्धन परघनिया, फैसल रिजवी के बीच करीब 1 घंटा बहस चली।
बता दें कि डेढ़ साल से जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत इससे पहले भी खारिज हो चुकी है। ईडी के केस में भी विशेष कोर्ट से दो बार जमानत खारिज हुई। इसके अलावा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी सौम्या को कोई राहत नहीं मिली है।