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IFS अफसर का घोटाला – बिना स्टॉपडेम बनाए डकार गया 1.38 करोड़! गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग के नाम पर फर्जी बिलों का खेल!

  • IFS सौरभ ठाकुर और पार्क रेंजर महेश का बड़ा घोटाला: बिना स्टॉपडेम बनाए हजम किए 1.38 करोड़ रुपये! जांच दबाने को अफसरों की दौड़, नेताओं तक बंट रहा है ‘कमीशन’
  • गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में सरकारी धन की खुली लूट, अफसरों-नेताओं की सांठगांठ से फर्जी बिलों का खेल

रायपुर/बिलासपुर/कोरिया–छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में एक और बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। IFS अधिकारी सौरभ ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने 1.38 करोड़ रुपये की सरकारी राशि खर्च दिखाकर बिना स्टॉपडेम बनाए ही पूरा बजट हजम कर लिया। यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट अब्दुल सलाम क़ादरी के माध्यम से हुआ है। 7 स्टाप डेम बनाये जाने थे लेकिन एक भी नही बने है?

अब्दुल सलाम कादरी-शिकायतकर्ता

फर्जी बिलों से खेला गया करोड़ों का खेल

बताया जा रहा है कि सौरभ ठाकुर के निर्देशन में वन विभाग के अधिकारियों ने स्टॉपडेम निर्माण कार्य के नाम पर फर्जी बिल तैयार किए। ज़मीन पर काम का कोई अता-पता नहीं, लेकिन दस्तावेजों में पूरा प्रोजेक्ट ‘पूरा’ दिखा दिया गया। इसमें कई स्थानीय ठेकेदारों और विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत बताई जा रही है।

जांच रोकने के लिए अफसरों की दौड़, नेताओं को भी ‘हिस्सा’

सबसे गंभीर बात यह है कि इस पूरे घोटाले की जांच को रोकने के लिए अब अफसर सक्रिय हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, खुद सौरभ ठाकुर और उनके करीबी रेंजर महेश टुंडे, और सीएफ वाइल्ड लाइफ सरगुजा जांच को दबाने के लिए मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। यहां तक कि स्थानीय विधायक और मंत्री को भी कमीशन बांटने की बात सामने आ रही है।

जांच को टालने की रणनीति, हर हाल में काम ‘पूरा’ दिखाना है मकसद..?

घोटाले में फंसने से बचने के लिए अब कोशिश की जा रही है कि जांच को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए। इस बीच फर्जी तरीके से ‘काम’ पूरा दिखाकर दस्तावेजों को सही ठहराया जा सके। बताया जा रहा है कि अधिकारी पूरी ताकत झोंक रहे हैं कि किसी भी कीमत पर कार्य को ‘वैध’ बना दिया जाए।

जनता और मीडिया द्वारा एक एक हरकतों पर नजर 

यह मामला सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और सार्वजनिक धन की खुली लूट का है। यदि समय रहते निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह फाइलों में दब जाएगा। ऐसे में मीडिया और जनता की सजगता बेहद जरूरी है।

मांग उठ रही है कि:

  • इस पूरे प्रकरण की एंटीकरप्शन या EOW से स्वतंत्र जांच कराई जाए-

  • दोषियों को तत्काल निलंबित कर कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए।

  • सभी भुगतान और बिलों की तकनीकी और फिजिकल जांच कराई जाए।

ChatGPT said:
  • IFS अफसर का घोटाला – बिना स्टॉपडेम बनाए डकार गया 1.38 करोड़!
  • गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग के नाम पर फर्जी बिलों का खेल!
  • सौरभ ठाकुर, रेंजर, DFO और CF मिलकर जांच को दबाने की कोशिश में जुटे!
  • कमीशन की गूंज मंत्री और विधायकों तक!
  • अब सवाल – क्या होगी निष्पक्ष जांच।

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