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November 21, 2024
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‘गोल्डी’ और ‘अशोक’ के मसलों में खतरनाक कीटनाशक : 13 मसाला कंपनियों की 35 में से 23 उत्पाद जाँच में फेल, किडनी-लीवर हो जाएँगे डैमेज

नई दिल्ली। भारत के कई मशहूर कंपनी जिनके मसालों को हम अपनी रसोई का अहम हिस्सा मानते हैं, वे हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं ऐसा जाँच में खुलासा हुआ है। गोल्डी, अशोक, भोला सब्जी मसाले समेत 13 कंपनियों के नूमने जाँच में फेल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) का कहना है कि इन कंपनियों के कई उत्पाद खाने के योग्य नहीं हैं। बता दें कि, इससे पहले MDH और एवरेस्ट के मसालों पर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने प्रतिबंध लगा दिया था।

दरअसल, इस साल मई में कानपुर स्थित मसालों की 13 कंपनियों पर FSDA के अफसरों ने छापा मारा था। इनके अलग-अलग मसालों के 35 उत्पाद के नमूने जाँच के लिए भेजे थे। इनमें से 23 की रिपोर्ट सामने आई है। इन मसालों में पेस्टीसाइड और कीटनाशक की मात्रा काफी अधिक मिली है। इसमें कीड़े भी मिले हैं। इसके बाद FSDA ने इन प्रोडक्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी है।

FSDA के अफसरों ने कानपुर के दादानगर की शुभम गोल्डी मसाला कंपनी से सैंपल इकट्ठा किए थे। उनमें सांभर मसाला, चाट मसाला और गरम मसाला खाने योग्य नहीं है। इनमें कीटनाशक की मात्रा खतरनाक स्तर तक पाया गया है। शुभम गोल्डी कंपनी गोल्डी ब्रांड नाम से मसाला प्रोडक्ट बनाती है। इसके ब्रांड एंबेसडर अभिनेता सलमान खान हैं।

इसी तरह नामी अशोक मसालों की दो कंपनियों के उत्पादों में भी खामियाँ पाई गई हैं। इनके धनिया पाउडर, गरम मसाला और मटर पनीर मसाला खाने योग्य नहीं है। ये स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। वहीं, भोला मसाले के प्रोडक्ट की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। इसके बिरयानी मसाला, सब्जी मसाला और मीट मसाला सेफ नहीं है।

लोकल लेवल पर बिकने वाली 14 अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट में भी हानिकारक पदार्थ पाए गए हैं। इन कंपनियों के हल्दी पाउडर में भी पेस्टिसाइट्स मिला है। एक अन्य नामचीन मसाले में प्रोपरगाइट मिला है। इसका इस्तेमाल कीड़ों, खासकर मकड़ी से फसलों की रक्षा के लिए किया जाता है। 16 सैंपल में खतरनाक कीटनाशक और 7 में माइक्रो बैक्टीरिया मिले हैं।

अब खाद्य विभाग इन सभी कंपनियों के खिलाफ एडीएम सिटी कोर्ट में वाद दायर करेगा। इसके बाद जुर्माना तय होगा। जानकारों ने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों के मसाले गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, वाराणसी, फतेहपुर, बहराइच समेत कई शहरों में बेचे जा रहे हैं। सहायक खाद्य आयुक्त संजय प्रताप सिंह ने बताया कि इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

कीटनाशक वाले मसालों के कारण हृदय, लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव पर सकता है। MDH और एवरेस्ट मसालों के नमूने फेल होने के बाद शासन के निर्देश पर सैंपल लिए गए थे। खाद्य एवं औषधि विभाग ने मई में अभियान चलाकर शहर की 16 मसाला फैक्ट्रियों पर रेड की थी। MDH और एवरेस्ट के मसालों पर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में प्रतिबंध लगा दिए थे।

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