ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच सोमवार शेख हसीना ने इस्तीफा देकर अपनी बहन के साथ देश छोड़ दिया। ढाका से निकलने से पहले वह राष्ट्र के नाम संदेश रिकॉर्ड करना चाहती थीं लेकिन सेना ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। वहीं राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, सेना प्रमुख वकर-उज़-ज़मान ने कहा कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी। एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की सड़कों पर रविवार को भीषण झड़पें हुईं, जिसमें मरने वालों की संख्या कम से कम 300 हो गई। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।
पड़ोसी देश में मौजूदा हालात को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं। जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा, “उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा पहल की खबरें हैं। स्वाभाविक रूप से हम कानून और व्यवस्था बहाल होने तक गहराई से चिंतित रहेंगे। इस जटिल स्थिति के समय सीमा सुरक्षा बलों को असाधारण रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। पिछले 24 घंटों में हम ढाका में अधिकारियों के संपर्क में हैं।
अल्पसंख्यक पर हमले चिंता का विषय : विदेश मंत्री
बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बहुत कम समय में उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी। वे कल शाम दिल्ली पहुंचीं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से वहां टेंशन है। बंग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हुई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंग्लादेश में हालात नहीं सुधरे और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. 4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े। सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, जो चिंता का विषय है।
बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले चिंता का विषय: वीएचपी
बांग्लादेश के हालात पर विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,”बांग्लादेश में जो अराजकता फैली है वो भारत के लिए भी चिंता का विषय है। हमारे लिए यह बड़ी चिंता की बात है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और सिखों सहित अल्पसंख्यकों, उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों और गुरुद्वारों को नुकसान पहुंचाया गया है। अल्पसंख्यकों का सम्मान और संपत्ति सुरक्षित नहीं है । “
आलोक कुमार ने आगे कहा कि मैंने विश्व समुदाय से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए हस्तक्षेप करे। मैंने भारत सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का अनुरोध किया है।