बंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय की तरफ से बाइक सवारों के लिए राहत की खबर है। अदालत ने कहा कि, दुर्घटना में अगर बाइक सवार दोषी नहीं है तो इंश्योरेंस कंपनी हेलमेट न पहनने के कारण मुआवजे की राशि में कटौती नहीं कर सकेगी। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि हेलमेट पहनना जरूरी है, लेकिन मुआवजा कम करने का यह एकमात्र आधार नहीं होना चाहिए। यह मामला रामनगर जिले के सदाथ अली खान से जुड़ा है, जिन्हें 2016 में एक तेज रफ्तार कार से टक्कर लगने के बाद गंभीर चोटें आई थीं। ट्रिब्यूनल ने हेलमेट न पहनने के आधार पर मुआवजे में कटौती की थी, जिसे हाईकोर्ट ने चुनौती देने पर बढ़ाकर 6,80,200 रुपये कर दिया।
विशाखापट्टनम में लागू हुआ नया हेलमेट नियम
कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद, विशाखापट्टनम में 1 सितंबर से एक नया नियम लागू होने जा रहा है। इसके तहत टू-व्हीलर पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। इस नियम का उल्लंघन करने पर 1035 रुपये का चालान और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। हादसों को रोकने के लिए केवल आईएसआई मार्क वाले हेलमेट ही मान्य होंगे।