धर्म

आज मातृ नवमी, जानें मातृ नवमी पर ही क्यों होता है महिला पितरों का श्राद्ध कर्म

 पितृ पक्ष में वैसे तो हर तिथि का विशेष महत्व है लेकिन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि का महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस तिथि को मातृ नवमी या मातृ श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। इस बार मातृ नवमी का श्राद्ध कर्म 25 सितंबर यानी आज किया जा रहा है। इस दिन माताओं, महिलाओं, मृत बेटियों का श्राद्ध करना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन उन लोगों का श्राद्ध कर्म किया जाता है, जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई हो। आइए जानते हैं मातृ नवमी पर क्यों होता है महिला पितरों का श्राद्ध कर्म और इस दिन का क्या महत्व है…

नवमी तिथि के श्राद्ध से घर में आती है सुख समृद्धि
मातृ नवमी के दिन उन माताओं का श्राद्ध भी किया जाता है, जिनकी मृत्यु की तिथि मालूम ना हो। साथ ही इस दिन मृत्यु तिथि के अलावा नवमी तिथि का भी माताओं का श्राद्ध किया जा सकता है। इस दिन घर की पुत्र वधुओं को व्रत भी करना चाहिए क्योंकि इस श्राद्ध तिथि को सौभाग्यवती श्राद्ध कहा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मातृ नवमी के दिन श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को धन, सुख-शांति, ऐश्वर्य और संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है और सौभाग्य हमेशा बना रहता है। दिवंगत महिलाओं का श्राद्ध के दौरान पंचबलि के लिए भोजन अवश्य निकालना चाहिए।

दक्षिण दिशा में करें पूजा अर्चना
मातृ नवमी के दिन ब्राह्मण भोज के अलावा गरीब व जरूरतमंद लोगों को भी भोजन अवश्य कराना चाहिए, ताकि सभी मातृ शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इस दिन घर की महिलाओं को स्वच्छ वस्त्र पहनकर घर के बाहर रंगोली बनानी चाहिए और घर के दक्षिण दिशा में पितरों की पूजा अर्चना करें और तुलसी की पत्तियां अर्पित करें। साथ ही आटे का बड़ा दीपक बनाकर तिल के तेल का दीपक जलाएं। श्राद्ध कर्ता को इस दिन भगवत गीता के नवें अध्याय का पाठ भी करना चाहिए। महिला पितरों का श्राद्ध कर्म दोपहर के 12 बजे के आसपास करना चाहिए।

नवमी तिथि को होती है सिद्धिदात्री माता की पूजा
मातृ नवमी का श्राद्ध करने से कुल वंश में वृद्धि होती है और दिवंगत महिलाओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवमी तिथि माता दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है इसलिए इस तिथि को अक्षय फल देने वाली कही जाती है। चैत्र माह की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म भी हुआ था इसलिए नवमी तिथि को दिवंगत माताओं, बहनों व बेटियों का श्राद्ध किया जाता है। मातृ नवमी के दिन पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी कर सकते हैं। नवमी तिथि इस बात का खास ध्यान रखें कि इस दिन लौकी की सब्जी ना खाएं और ना खिलाएं। इस दिन महिला पितरों को याद करते हुए उनके नाम का दान अवश्य करना चाहिए।

मातृ नवमी के दिन अवश्य करें यह काम
मातृ नवमी के दिन तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि पितरों से जुड़े जो भी कार्य आप कर रहे हों, उनमें तांबे के बर्तनों का ही प्रयोग करें। इस दिन किसी महिला का अपमान करने से बचना चाहिए और इसको आदत बना लें तो आपको ज्यादा शुभ फल की प्राप्ति होगी। साथ ही इस दिन गरीब व जरूरतमंद सुहागन महिलाओं को सुहाग का सामान जैसे लाल साड़ी, चूड़ियां, सिंदूर आदि चीजों का दान करना चाहिए और घर पर आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए।

Related posts

छोटी दिवाली के दिन इस पूजा विधि से मिलेगा दोगुना लाभ… जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

bbc_live

Aaj ka Panchang : आश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज, नोट करें दिन के शुभ-अशुभ मुहूर्त]

bbc_live

Aaj Ka Panchang : क्या है आज 27 दिसंबर का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

bbc_live

आज 12 मई 2025 का पंचांग: जानें मुहूर्त, राहुकाल और ग्रह स्थिति

bbc_live

Aaj Ka Rashifal: सोमवार को शिव की कृपा से 5 राशियों को मिलेगी आर्थिक तरक्की, जानें क्या हैं आपके लिए शुभ संकेत

bbc_live

Aaj Ka Panchang : चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन: जानें आज के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और तिथि, बनाएं अपने दिन को और भी शुभ!

bbc_live

Aaj Ka Panchang: कल्कि जयंती आज, पंचांग अनुसार जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल समय

bbc_live

Aaj ka Panchang : हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा का शुभ मुहूर्त और राहू काल…पढ़ें आज का पंचांग और जानें शुभ समय

bbc_live

Aaj Ka Panchang: आज 24 अक्टूबर अहोई अष्टमी का मुहूर्त, राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जानें

bbc_live

Aaj Ka Panchang: आज 25 अक्टूबर का मुहूर्त, राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जानें

bbc_live