दुर्ग। दुर्ग के रसमंडा डकैती मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। लकड़ी के मालिक और उसकी पत्नी को बंधक बनाकर चोरी करने वाले आरोपी को दुर्ग पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के इंदौर से हुई है। आरोपी की पहचान राजेंद्र के रूप में हुई है, जो कई चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है। पुलिस फिलहाल इस मामले से जुड़े पांच अन्य फरार बदमाशों की तलाश कर रही है, जबकि तीन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या है पूरा मामला ?
दुर्ग स्थित रसमंडा में लकड़ी के व्यापारी अपना कारोबार करते हैं। 8 जून 2024 को लकड़ी के मालिक दिलीप मिश्रा और उनकी पत्नी को बदमाशों ने बंधक बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया। दंपति को रस्सियों से बांध दिया गया और घर से 30 लाख रुपए के जेवर लेकर फरार हो गए। इस घटना से दुर्ग के लोगों में दहशत फैल गई। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और करीब चार महीने बाद दुर्ग पुलिस को सफलता मिली।
एसपी ने क्या कहा ?
एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला ने कहा है कि, एक महीने पहले हमने तीन संदिग्धों को पकड़ा था, जिनमें से एक एनएसपीसीएल में चोरी की घटना में शामिल था। इस मामले में कपिल जैन का नाम सामने आया, जिसके बाद एक टीम गठित की गई और उसे इंदौर भेजा गया। कपिल जैन के बारे में जानकारी जुटाकर हमने उसे पकड़ने की कोशिश की। छापेमारी के दौरान पता चला कि वह चोरी के सोने को पिघलाने का काम करता है। इस मामले में आशीष पटेलिया पुलिस की गिरफ्त से बच निकला, जबकि राजेंद्र कटार को हमने सफलतापूर्वक पकड़ लिया। ये लोग चोरी के सोने को पिघलाने का काम करते थे। हमने करीब 50 लाख का माल बरामद किया है। इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी हिस्सा लिया था, लेकिन दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली। इस मामले में अभी भी पांच संदिग्ध बचे हैं।
50 लाख रुपए का माल बरामद
जून में यह घटना हुई थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी। उन्होंने आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और ऑडियो रिकॉर्डिंग भी हासिल की। पुलिस ने पाया कि अपराधी मध्य प्रदेश के धार के भील गिरोह का हिस्सा थे। इसके बाद डीएसपी हेमप्रकाश के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया गया। करीब 120 दिनों तक टीम ने संदिग्ध को पकड़ने के लिए इंदौर और उसके आसपास के इलाकों में कैंप लगाए। वहीं पुलिस ने आरोपी राजेंद्र कटार के पास से 50 लाख रुपए का माल बरामद किया है, जिसमें सोने-चांदी के जेवरात शामिल हैं, जिनकी कीमत 50 लाख रुपए बताई गई है।