रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में नया मोड़ आया है। सोमवार को राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने सेवानिवृत IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को इस शराब सिंडिकेट का प्रमुख बताते हुए अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया। ईओडब्ल्यू का आरोप है कि टुटेजा ने राज्य में अवैध शराब कारोबार को संगठित किया, जिसमें राजनीतिक हस्तियों का भी हाथ था।
ईओडब्ल्यू द्वारा पेश किए गए अभियोग पत्र में यह बताया गया कि अनिल टुटेजा, जो कांग्रेस सरकार के समय में बेहद प्रभावशाली थे, ने शराब सिंडिकेट के प्रमुख के रूप में अवैध शराब की बिक्री की व्यवस्था की। वहीं, विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू पर आरोप है कि उसने इस सिंडिकेट के अवैध धन को एकत्र कर अनवर ढेबर तक पहुंचाया। इसके बाद, अग्रवाल के फरार होने के कारण उसके खिलाफ फरारी में चालान पेश किया गया है।
इसके अलावा, सुनील दत्त, जो आबकारी विभाग से संबंधित कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्यूरिटी फिल्मस लिमिटेड के नोएडा कार्यालय में अकाउंटेंट था, को भी डुप्लीकेट होलोग्राम की आपूर्ति करने के मामले में दोषी पाया गया। यह होलोग्राम डिस्टलरियों को अवैध रूप से सप्लाई किए गए थे, जिससे राजस्व की भारी हानि हुई।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने मामले में अन्य आरोपितों की जांच भी जारी रखी है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी अपनी जांच में खुलासा किया था कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बेची गई कुल शराब का 30 से 40 प्रतिशत अवैध था, जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि टुटेजा और अनवर के बीच 14.41 करोड़ रुपये की ट्रांसफर के सबूत मिले हैं। जांच में यह भी दावा किया गया है कि इस सिंडिकेट ने तीन साल में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व घोटाला किया।