एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बिलासपुर आगमन का विरोध कर काला झंडा दिखाने से रोकने पहुंचे तहसीलदार गरिमा ठाकुर।
पूरा मामला इस प्रकार है कि एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के द्वारा लगातार बिलासपुर में संचालित श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल और महर्षि यूनिवर्सिटी (डीएलएड) एवं महर्षि शिक्षा संस्थान (डीएलएड) में व्याप्त फर्जीवाड़ा और अनियमितता पर रोक लगाने हेतु अनेकों शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में किए जा चुके हैं,जिस पर कोई भी जांच और कार्यवाही नहीं करने के कारण डीईओ टी आर साहू के ऊपर जांच और कार्यवाही हेतु अनेकों बार बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को ज्ञापन के माध्यम से मांग की जा चुकी है,किंतु आज दिनांक तक किसी भी प्रकार का कोई भी निर्णयात्मक जांच और कार्यवाही उनके द्वारा नहीं की गई है। जिसके कारण आज छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आगमन पर विरोध दर्ज करते हुए काला झंडा दिखाने हेतु एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत के नेतृत्व में कार्यक्रम तय किया गया।जैसे ही यह सूचना प्रशासन तक पहुंची उसके बाद से प्रशासन के कान खड़े हो गए और एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह और उनकी टीम को रोकने हेतु तहसीलदार गरिमा ठाकुर पहुंचे,उस समय रंजीत सिंह का बिलासा कन्या महाविद्यालय में छात्राओं की विभिन्न बातों को लेकर कार्यक्रम जारी था,तहसीलदार गरिमा ठाकुर बिलासा कॉलेज पहुंचकर छात्र संगठन एनएसयूआई की पूरी बातों को सुनकर उनसे ज्ञापन लीं उनकी जायज मांगों को 15 दिवस के भीतर पूरा करने का आश्वासन दिया तथा सीएम साय को काला झंडा नहीं दिखाने की बात कही। इस आश्वासन के पश्चात से एनएसयूआई छात्र नेताओं ने तहसीलदार की बात पर सहमति जताई और सीएम साय का विरोध कार्यक्रम रद्द किया। वहीं एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने तहसीलदार ठाकुर को कहा कि यदि 15 दिन के भीतर डीईओ साहू के खिलाफ कोई भी उचित जांच अथवा कार्यवाही नहीं की जाती है तो उसके पश्चात एनएसयूआई उनके कार्यालय के समक्ष उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य होगी जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह के साथ प्रदेश सचिव लोकेश नायक,जिला उपाध्यक्ष सुमित शुक्ला,जिला महासचिव शुभम जायसवाल तथा जिला महासचिव सुबोध नायक उपस्थित रहे।