मुंबई। महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने लातूर के किसानों की मुसीबत बढ़ा दी हैं। बता दें कि, 300 एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड ने अपना बताया है। इसको लेकर औरंगाबाद के कोर्ट में याचिका भी डाली गई है, जिस पर 20 दिसंबर को सुनवाई होगी। वक्फ बोर्ड के इस दावे के बाद तलेगांव के किसानों में डर का माहौल है। उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप करने को कहा है।
दरअसल, संभाजीनगर के वक्फ बोर्ड ने अहमदपुर में 103 किसानों की 300 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर दावा ठोका है। किसानों को नोटिस भेजकर अपनी बात रखने को बोला गया है। वहीं वक्फ ट्रिब्यूनल की तरफ से औरंगाबाद की अदालत में याचिका संख्या 17/2024 के तहत तलेगांव के 103 किसानों की जमीन पर दावा किया गया है। किसानों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस भी जारी किया गया है। इस नोटिस के बाद गांव के करीब 75 प्रतिशत हिस्से में डर का माहौल हैं।
जानिए क्या है वक्फ का मतलब
जानकारी के अनुसार, वक्फ का तात्पर्य इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियों से है। वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। बता दें कि, वक्फ का मतलब ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना हैं। इस्लाम में ये एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है, वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं। ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है, ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है।
वक्फ बोर्ड कैसे बनता और काम कैसे करता है
बता दें कि, वक्फ के पास काफी संपत्ति है, जिसका रखरखाव ठीक से हो सके और धर्मार्थ ही काम आए, इसके लिए स्थानीय से लेकर बड़े स्तर पर कई बॉडीज हैं, जिन्हें वक्फ बोर्ड कहते हैं। तकरीबन हर स्टेट में सुन्नी और शिया वक्फ हैं। इनका काम उस संपत्ति की देखभाल, और उसकी आय का सही इस्तेमाल है। इस संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना, मस्जिद या अन्य धार्मिक संस्थान को बनाए रखना, शिक्षा की व्यवस्था करना और अन्य धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीजें शामिल हैं।