बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने 17 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। अदालत ने गर्भपात को सीएमएचओ की निगरानी में कराने का आदेश दिया है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार चंद्रवंशी की सिंगल बेंच द्वारा की गई।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल पूरा मामला बलौदाबाजार का है, जहां 17 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। जिसकी शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। इस बीच मेडिकल जांच में पुष्टि हुई कि पीड़िता 6 महीने की गर्भवती थी। लेकिन पीड़िता और उसके घर वाले इस गर्भ को बच्ची के भविष्य को देखते हुए रखना नहीं चाहते थे। जिसकी वजह से उन्होंने गर्भपात की अनुमति के लिए हाइकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से याचिका दायर की। याचिका में तर्क दिया गया कि, दुष्कर्म के मामले में नाबालिग को कानून 21 से 24 हफ्ते के भ्रूण को नष्ट करने का अधिकार देता है। कोर्ट ने मामले में सभी दलीलों को सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली। कोर्ट ने शासन को पीड़िता का गर्भपात रायपुर के सरकारी अस्पताल में कराने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि, पीड़िता सिकल सेल एनीमिया से भी पीड़ित है। इसलिए उचित देखभाल और एहतियात के लिए कोर्ट ने बलौदाबाजार सीएमएचओ को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान निगरानी रखने का भी निर्देश दिया है।