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December 24, 2024
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CG News : नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा नए चेहरों को दे सकती है मौका, 20 दिसम्बर तक आचार संहिता लगने के आसार..

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जल्द ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होने को है। जिसे लेकर चुनावी पार्टियों में काफी जोश का माहौल है। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस अपने निकाय चुनाव में जीत को लेकर अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लग गई हैं। इस बीच दोनों पार्टियों में आरोप प्रत्यारोप का भी खेल लगातार जारी है। वहीं सूत्रों का कहना है कि, भाजपा इस वर्ष निकाय और पंचायत चुनाव के लिए नए दावेदारों को मौका देने की तैयारी में है।

निकाय और पंचायत चुनाव में भाजपा दे सकती है नए चेहरे को मौका

आपको बता दें कि, पिछले कई दिनों से भाजपा संगठन की हुई मैराथन बैठक के बाद इसके संकेत मिल चुके हैं। वहीं, स्थानीय निकायों और पंचायत चुनाव में जातीय समीकरण को बुनने की तैयारी भी है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि, युवा व नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इससे आम कार्यकर्ताओं का उत्साह बना रहेगा। वहीं प्रदेश भाजपा की इस रणनीति के चलते पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है, इसे देखते हुए पार्टी प्रमुख ने निगम-मंडल में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियां टाल दी है, ताकि लोगों की नाराजगी दूर की जा सके।

वहीं, दूसरी ओर बीतें बुधवार को राज्य सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण के लिए जिला कलेक्टर को विहित प्राधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही महापौर, पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी व महिला आरक्षण की अधिसूचना भी जारी कर दी है। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, नगर पालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से कम होने पर वहां शेष स्थान ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। किसी भी सूरत में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। आरक्षण लॉटरी से निकाले जाएंगे। अगर किसी निकाय में अनुसूचित जाति या जनजाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा है, तो ओबीसी का आरक्षण उस निकाय में शून्य माना जाएगा।

रायपुर उपचुनाव में कांग्रेस को मिली थी हार

आपको बता दें कि, राजधानी रायपुर में अभी हाल ही में हुए रायपुर दक्षिण चुनाव में कांग्रेस को काफी बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। जिसका असर पार्टी समेत पीसीसी चीफ पर भी दिखाई दिया। दक्षिण उपचुनाव में हार के बाद वे भाजपा और साय सरकार की नाकामियों की गिनती में लगे दिखाई दिए।
हालांकि, इसका कोई असर देखने को नहीं मिला, उन्होंने लोहारीडीह, बलरामपुर, और राजधानी कलेक्टोरेट में कार्यरत कर्मचारी के आत्महत्या पर साय सरकार और राज्य की पुलिस व्यवस्था को घेरने का भी प्रयास किया था, जो कि, विफल रहा।

बैठक में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हुई चर्चा

वहीं बीतें बुधवार को प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की बैठक आयोजित की गई, जिसमे प्रदेश के सभी नगर पंचायतों और पालिकाओं में पर्यवेक्षक तथा नगर निगमों में प्रभारी नियुक्त करने पर चर्चा हुई। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने बुधवार को राजीव भवन में जिला और शहर अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, नगर पंचायतों और पालिकाओं में पर्यवेक्षकों की नियुक्तियां कर दें। निगमों के लिए प्रभारी की नियुक्ति प्रदेश स्तर पर की जाएगी। उन्होंने बूथ सेक्टर, जोन व ब्लॉक में खाली पदों पर शीघ्र नियुक्ति के भी निर्देश दिए। बैठक में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणनीति और धान खरीदी केंद्रों में फैली अव्यवस्था को लेकर आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की गई। दीपक बैज ने संविधान रक्षक कार्यक्रम, पिछले माह दिए गए कार्यक्रमों तथा मासिक बैठक की भी समीक्षा की। बैठक में वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री दीपक मिश्रा, रायपुर शहर के जिलाध्यक्ष गिरीश दुबे आदि मौजूद थे।

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