आष्टा। मध्य प्रदेश में खरगोन जिले के सनावद में 26 नवंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के पिता मनोज परमार और माता नेहा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। सीहोर के आष्टा निवासी मनोज कांग्रेस नेता और कारोबारी थे। पांच दिसंबर को ईडी ने ऋण के रुपयों का दुरुपयोग करने के केस में उनके घर-दफ्तर पर छापा मारा था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनोज परमार के इंदौर और आष्टा स्थित आवासों पर मारी गई इस छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे। घटनास्थल से छह पेज का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट मिला है। इसमें मनोज ने ईडी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है। शुक्रवार की सुबह उनके शव उनके घर के अंदर फंदे से लटके मिले। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा मिला ?
पुलिस ने जो सुसाइड नोट बरामद किया वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, गृह मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मीडिया संगठनों, कांग्रेस की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को संबोधित कर लिखा गया है। इसमें मनोज परमार ने ईडी पर प्रताड़ित करने का कथित आरोप लगाते हुए लिखा है ‘ईडी अधिकारी कह रहे थे अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दो, उनसे राहुल गांधी के विरुद्ध वीडियो डलवाओ तो बच जाओगे।’ मनोज ने आगे लिखा है कि मेरा कांग्रेस के नेताओं, खासकर राहुल गांधी से निवेदन है कि कांग्रेस का प्रचार करने के कारण ईडी परेशान कर रही है, मुझे आत्महत्या करनी पड़ रही है। इन बच्चों की जिम्मेदारी अब आप पर है।
ईडी की छापेमारी: परिवार पर दबाव कैसे बना?
5 दिसंबर की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने मनोज परमार के घर पर छापेमारी की। उन्होंने घर की तलाशी ली और परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए। परिजनों का आरोप है कि इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों को बंद करवा दिया और परिवार के सदस्यों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया।
मनोज ने सुसाइड नोट में लिखा कि ईडी की टीम ने उनके घर से 10 लाख रुपये नकद और 70 ग्राम सोने के गहने जब्त किए, लेकिन इसका कोई जिक्र पंचनामे में नहीं किया गया। नोट में उन्होंने लिखा, “ये रकम मैंने अपनी पत्नी के बैंक लोन के निपटारे के लिए रिश्तेदार से उधार ली थी, लेकिन ईडी अधिकारियों ने इसे जब्त कर लिया और कागजों में इसका कोई जिक्र नहीं किया।”
कांग्रेस पार्टी ने ईडी पर लगाए गंभीर आरोप
इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ईडी मनोज परमार को परेशान कर रही थी, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। मनोज और उनकी पत्नी की आत्महत्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा के मनोज परमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बिना किसी औचित्य के परेशान किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि मनोज के बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। ईडी के सहायक निदेशक संजीत कुमार साहू ने मनोज के आवास पर छापेमारी की। मनोज के मुताबिक, छापेमारी इसलिए की गई क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी का समर्थक है। सिंह ने बताया कि उन्होंने मनोज के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था की थी। हालांकि, उन्होंने इस बात पर गहरा दुख जताया कि मनोज इतना व्यथित था कि उसने और उसकी पत्नी ने आज सुबह अपनी जान ले ली। वह इस मामले में ईडी निदेशक से निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।
बच्चे हुए अनाथ
मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं – जिया (18), जतिन (16), और यश (13)। बच्चों ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारियों ने उनके माता-पिता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। बेटे जतिन ने कहा कि “मेरे माता-पिता को बार-बार धमकाया गया और कहा गया कि वे भाजपा में शामिल हो जाएं। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई।”