रायपुर। भूपेश सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा व डॉ. आलोक शुक्ला के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) / एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज प्रकरण की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सहमति दे दी है। गृह विभाग (सी- अनुभाग ) द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की सहमति के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जल्द ही अधिसूचना जारी कर इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द किया जा सकता है।
अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली विशेष धाराएं लगाई ईप्रकरण में पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो छत्तीसगढ़ रायपुर में दर्ज अपराध क्रमांक 49/2024 धारा-7, 7 ( क ), 8, 13 (2) भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 यथा संशोधित अधिनियम 2018 के अनुसंधान के लिए दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों व क्षेत्राधिकार का विस्तार संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में करने की सहमति प्रदान की गई है।
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू / एसीबी रायपुर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा व डॉ. आलोक शुक्ला के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। यह एफआईआर इन तीनों के वॉट्सएप चैट के आधार पर दर्ज की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज किया है।
ये धाराएं लगाई गईं
ईओडब्ल्यू-एसीबी थाना रायपुर की ओर से दर्ज एफआईआर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7क, 8, 13 (2) और आईपीएसी की धारा 182, 211, 193, 195 ए, 166ए और 120बी धाराएं प्रभावी की गई हैं।