रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के आखिरी दिन भी सदन का माहौल गरमाये रहा। दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ मद से सड़क निर्माण के मुद्दे पर तीखी बहस के बाद डिप्टी सीएम ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले में 5 लोगों को निलंबित करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने इस मामले में संबंधित ठेकेदार से वसूली करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
बता दें कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन आज प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के विधायक अजय चंद्राकर ने जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़कों के निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि, क्या इस सड़क के निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसमें किस तरह की गड़बड़ियां पाई गई और जो दोषी पाए गए, क्या उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? सवालों के बीच उन्होंने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
बीजेपी विधायक और गृहमंत्री में तीखी नोंकझोंक
उन्होंने माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों के तहत भुगतान को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा कि, क्या ठेकेदार को अधिक भुगतान किया गया है। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि, यह कार्य पीएम ग्राम सड़क के तहत डीएमएफ में स्वीकृत ही नहीं है, बल्कि जिला निर्माण समिति के विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है। उप मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि, इस मामले में शिकायत मिली थी। दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित कर प्रथम स्तरीय जांच कराई गई। इसके भीतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण कार्य, डब्लूबीएम और सोल्डर कार्य, रिटनिंग वॉल में अनियमितता का उल्लेख पाया गया है।
डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट में ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली का जिक्र किया, जिसपर बीजेपी विधायक चंद्राकर ने पूछा कि, जब भुगतान ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात की वसूली कर रही है। इस पर डिप्टी सीएम एक द्वारा माप पुस्तिका के आधार पर कम भुगतान और वसूली के आदेश होने की बात कही। डिप्टी सीएम पर आरोप लगाए कि, आप भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं। भ्रष्टाचार को उजागर क्यों नहीं कर रहे, संरक्षण क्यों दे रहे हैं। इस बात इस पर सदन में विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया।
आसंदी ने माहौल कराया शांत
बता दें कि, सदन में माहौल को गरमाते देख सदन में आसंदी ने गृहमंत्री और चंद्राकर को बहस करने से मना करते हुए कि, इतनी ऊंची आवाज में न बोलें…माइक लगा है, इसलिए सब धीरे बोलने से भी सुन लेते हैं। इसलिए टोन नीचे करें। आरोप-प्रत्यारोप की जरूरत नहीं है। संसदीय तरीके से समझाने का प्रयास करें। इस बीच सदन में विपक्ष के नेता भी टोकाटाकी करते हुए चुटकी लेते हुए दिखाई दिए। डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि, वो ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, उसका कारनामा है। क्या ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि, निःसंदेह जांच कराई जाएगी।
डिप्टी सीएम ने पांच आधिकारियों के निलंबन का जारी किया आदेश
जिसके बाद डिप्टी सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि, दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सेवानिवृत्त अभियंता अनिल राठौर, अभियंता दामोदर सिंह सिदार, अनुविभागीय अधिकारी तारकेश्वर दीवान, सहायक अभियंता आरवी पटेल, उपअभियंता रविकांत सारथी और वसूली करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिये, साथ ही आधिकारियों के निलंबन के आदेश जारी करने को कहा है।