रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन भी आज शुक्रवार को सदन में हंगामा देखने को मिला। जहाँ शून्यकाल में विपक्ष द्वारा कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष स्थगन लाने की मांग पर हंगामा करते रहे। वहीं आसंदी ने 30 विधायकों को सदन में नारेबाजी करने पर निलंबित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, आज सदन में शून्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था का मुद्दा गरमाये रहा, जिसपर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल ने कहा कि, शांति का टापू छत्तीसगढ़ अब अशांति का टापू बन गया है। पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। जिसके बाद इस पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने जमकर नारेबाजी की साथ ही स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में जा पहुंचे, जिस पर आसंदी ने समझाने की कोशिश की, इसके बादजूद नारेबाजी शांत नहीं हुई। जिसपर आसंदी ने 30 विधायकों को सदन में नारेबाजी करने पर निलंबित कर दिया।
वहीं सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि, लगातार हमारे विधायकों के खिलाफ एफआईआर हो जाते हैं। सारंगढ़ में एक विधायक के खिलाफ एफआईआर हो जाता है। उसके 10 दिन पहले उनके पति के खिलाफ एफआईआर हो जाता है। लगातार भाजपा कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ, वो भी खासतौर पर सतनामी विधायकों के खिलाफ, एफआईआर क्यों कर रही है। अपराधियों के खिलाफ ये एफआईआर नहीं करते हैं। इसके आलावा विपक्ष ने भाजपा के मन में सतनामी समाज के प्रति द्वेष भावना का आरोप लगाया। इस दौरान विपक्षी दल के सदस्य लगातार जय भीम, जय सतनाम के नारे लगाते रहे। विपक्ष के नेताओं ने छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को लचर बताया। सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा संसद में की गई धक्का-मुक्की का जिक्र किया गया साथ ही राहुल गांधी को लेकर बयान पर जोरदार हंगामा मचता रहा।