राजनांदगांव रेंज में कथित तौर पर पुलिस भर्ती में हुए गड़बड़ी के मामले में सिलसिलेवार कार्रवाई के बीच फिजिकल टेस्ट में ड्यूटीरत राजपत्रित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी।
बताया जा रहा है कि रेंज में भर्ती प्रक्रिया के दौरान हुए भ्रष्टाचार से अफसरों को शासन से जवाब-तलब का सामना करना पड़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं हैं। वहीं कांग्रेस ने इस मामले को बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना लिया है।
क्या है पूरा मामला ?
यह मामला एक आरक्षक के कथित तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के बाद आत्महत्या करने की घटना से काफी संगीन हो गया है। आरक्षक की खुदकुशी की घटना की जांच के लिए आईजी दीपक झा ने एसआईटी का गठन किया है।
चर्चा है कि आरक्षक ने अपने आत्महत्या से पूर्व अपने हाथ में अधिकारियों की मिलीभगत का जिक्र किया था। आईजी ने इस आधार पर एसआईटी का गठन किया है। भर्ती प्रक्रिया में हैदराबाद की कंपनी की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में है। फिलहाल मामले में अफसरों ने 4 आरक्षकों और कंपनी के 2 कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ऐसी चर्चा है कि इस मामले में 7 से 8 आरक्षक अब भी संदिग्ध हैं। इसके अलावा राजपत्रित अधिकारियों की भूमिका पर भी अफसरों की नजर जमी हुई है। कई अधिकारी इस मामले में संदेह के दायरे में है। जिसमें निरीक्षक से लेकर कुछ राजपत्रित अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका है। आला अफसर हर स्तर पर पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
राजनांदगांव रेंज में हुए गड़बड़ी से सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने पीएससी घोटाले की जांच कर रही सीबीआई से भी सरकार द्वारा इस मामले की जांच कराने की मांग की जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से रेंज स्तर पर ही पूरे मामले की छानबीन करने के निर्देश दिए गए हैं।
इधर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में ट्वीट् करते हुए पुलिस भर्ती मामले में गंभीरता से जांच कराने की मांग की है। शहर के 8 वीं बटालियन में जारी भर्ती प्रक्रिया के दौरान गोला फेंक व लंबी कूद में एक महिला अभ्यर्थी को अधिक अंक देने का मामला सामने आया है।
गौरतलब है कि, आरक्षक अनिल रत्नाकर की खुदकुशी की जांच कर रही एसआईटी का गठन आईजी ने किया है। माना जा रहा है कि लगातार जांच पड़ताल से कई खामियां सामने आई है। भर्ती घोटाले में जल्द ही कुछ और आरक्षकों को सलाखों के पीछे भेजा जा सकता है।