प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके साथ अपनी पुरानी यादों को साझा किया. मोदी ने सिंह के साथ अपने संवाद और सरकार के विभिन्न पहलुओं पर हुई बातचीत को याद करते हुए उन्हें एक सम्मानित और समर्पित नेता बताया. उन्होंने कहा कि उनकी विचारशीलता और विनम्रता के गुण हमेशा उनके साथ जुड़े रहे, जो उनके कार्यों और भाषणों में साफ झलकते थे.
प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह जी और मैं नियमित रूप से संपर्क करते थे जब वे प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. हम शासन के विभिन्न विषयों पर गहरी चर्चा करते थे. उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा सामने आती थी.’ इसके साथ ही उन्होंने इस कठिन समय में मनमोहन सिंह के परिवार और उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘इस दुख की घड़ी में, मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.’
प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को ‘हमारे सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक’ के रूप में वर्णित किया और कहा कि उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा उनके कार्यों में स्पष्ट रूप से नजर आती थी.
उन्होंने सिंह की यात्रा को भी याद किया, जो साधारण पृष्ठभूमि से उभरकर एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बने और कई महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर कार्य किया. पीएम नो आगे कहा, ‘मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में हमारे आर्थिक नीति पर गहरी छाप छोड़ी और संसद में उनके हस्तक्षेप हमेशा विचारशील और प्रेरणादायक रहे.’
गुजरात के सीएम और भारत के पीएम के बीच बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से उस समय को याद किया जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. दोनों नेताओं के बीच शासन और सरकारी नीतियों पर गहरी चर्चा होती थी. मोदी ने कहा कि सिंह की कार्यशैली और दृष्टिकोण ने उन्हें हमेशा प्रभावित किया.
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारे बीच हुई इन चर्चाओं में उनके विचार हमेशा गहरे और उपयुक्त होते थे. उनकी विनम्रता ने इन चर्चाओं को और अधिक सार्थक और उपयोगी बना दिया.’ .
एक समर्पित नेता की विरासत
प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह की राजनीतिक यात्रा को सराहा, जो एक अर्थशास्त्री के रूप में अपने देश की सेवा में समर्पित रहे. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने देश की प्रगति के लिए कई प्रयास किए, जो आज भी लोगों की ज़िन्दगी में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं. उनकी विरासत एक समर्पित और निष्ठावान नेता की है, जो केवल अर्थशास्त्र नहीं, बल्कि पूरे देश की सेवा में निरंतर प्रयासरत रहे.