December 14, 2025 12:13 pm

तंग आ चुके हैं…लिव इन रिलेशनशिप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्यों की ये टिप्पणी?

इलाहाबाद हाईकोर्ट का लिव इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है. हाईकोर्ट ने शादी का वादा कर महिला का यौन शोषण करने के आरोपी की जमानत मंजूर कर दी है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा भारतीय मध्यवर्गीय समाज में स्थापित मूल्यों के विपरीत है. शाने आलम की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट ने ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या पर नाराजगी जाहिर की है.हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लिव-इन रिलेशनशिप को वैधानिक बनाने के बाद अदालत ऐसे मामलों से तंग आ चुका है. ऐसे मामले न्यायालय में इसलिए आ रहे हैं क्योंकि लिव-इन-रिलेशनशिप की अवधारणा भारतीय मध्यवर्गीय समाज में स्थापित कानून के विरुद्ध है.
कोर्ट ने पाया कि आरोपी के 25 फरवरी से लगातार जेल में बंद है और कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. इसके साथ ही आरोपी की प्रकृति और जिलों में भीड़भाड़ को देखते हुए जमानत मंजूर कर दी है.
क्या हैं याचिकाकर्ता पर आरोप?
जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है. याची शाने आलम पर बीएनएस और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि याची ने शादी का झूठा आश्वासन देकर पीड़िता से शारीरिक संबंध बनाए थे, लेकिन बाद में शादी करने से इंकार कर दिया.
लिव-इन रिलेशनशिप पर क्या बोला कोर्ट?
पीड़िता के वकील ने दलील दी कि आरोपी ने पीड़िता का शोषण किया है, कोर्ट ने कहा लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा ने युवा पीढ़ी को काफी आकर्षित किया है. यही कारण है कि इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हालांकि कोर्ट ने कहा कि इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं.
कोर्ट पहले ही कर चुके इस तरह की टिप्पणी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अलावा भी दिल्ली हाईकोर्ट समेत देश के कई कोर्ट इस तरह के मामलों पर टिप्पणी कर चुके हैं. पिछले दिनों कोर्ट ने कहा था कि इस तरह के मामलों में दोनों की सहमति होती है. इसी दौरान इनको विरोध करना चाहिए. इस तरह शादी की बात को लेकर जब अनबन होती है, तब ये लोग पुलिस और कोर्ट का सहारा लेते हैं. ये गलत है.

BBC LIVE
Author: BBC LIVE

विज्ञापन