रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले के सिलसिले में मंगलवार को 9 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान लखमा को रात साढ़े 8 बजे के बाद रिहा कर दिया गया। पूछताछ के बाद मीडिया से बात करते हुए लखमा ने कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस मामले में किसी भी तरह के आरोपों को नकारा किया।
जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या पूछताछ के दौरान किसी अन्य व्यक्ति का नाम लिया गया, तो लखमा ने कहा कि वे जो बातें अंदर हुईं, उन्हें सार्वजनिक नहीं करेंगे क्योंकि वे कानून का सम्मान करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके बेटे से भी पूछताछ की गई है और वे समझते हैं कि विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाने के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है।
ईडी ने लखमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मंत्री रहते हुए उन्हें आबकारी विभाग से हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे। हालांकि, लखमा ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि वे शराब का एक रुपया भी नहीं जानते।
लखमा ने यह भी बताया कि ईडी ने उनके बड़े बेटे, बेटी और पत्नी से संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी, जिन्हें उन्होंने पूरी तरह से प्रदान कर दिया। इसके अलावा, ईडी ने उनके परिवार के कई सदस्यों के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।