बेंगलुरु: बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड मामले में बड़ा मोड़ आया है, जब सिटी सिविल कोर्ट ने तीन आरोपियों को जमानत दे दी। जमानत पाने वाले आरोपियों में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, निकिता की मां निधि और भाई अनुराग शामिल हैं। यह फैसला 20 दिन बाद आया है, जब इन तीनों को 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, चौथे आरोपी, निकिता के बड़े पिता सुशील सिंघानिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
सुसाइड से पहले, अतुल ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि निकिता और उसके परिवार ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था, साथ ही जबरन वसूली भी की थी। अतुल ने अपनी मौत से पहले एक सुसाइड नोट और एक 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने अपने ससुराल वालों पर आरोप लगाए थे।
इस मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण पेश करने में विफल रही। कोर्ट में सुनवाई के दौरान निकिता के वकील ने पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को गलत ठहराया और उनकी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तीन आरोपियों को जमानत दे दी।
निकिता और उसके परिवार के सदस्य गुरुग्राम और प्रयागराज से गिरफ्तार किए गए थे। अतुल के परिवार ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी और ससुराल वाले उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे, और उसके खिलाफ विभिन्न तरह के आरोप लगाए थे। इन आरोपों में से एक दहेज की मांग और मारपीट का मामला भी था, जिसके तहत अतुल के खिलाफ जौनपुर कोर्ट में तीन मुकदमे चल रहे हैं। दहेज और मारपीट के मामले में अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को होगी।
अभी इस मामले की जांच जारी है, और अदालत ने जमानत का यह फैसला ऐसे समय लिया है जब सुसाइड केस में आगे की कार्रवाई होनी है। कोर्ट ने जमानत देते समय सभी पक्षों की दलीलें सुनकर फैसला लिया, जिससे यह केस एक नई दिशा में बढ़ सकता है।