नई दिल्ली: अडानी प्रॉपर्टीज़ ने सोमवार (7 जुलाई) को मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) स्थित मोतीलाल नगर के पुनर्विकास के लिए महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ एक समझौता किया है.
यह अडानी समूह द्वारा शुरू किया गया दूसरा सबसे बड़ा पुनर्विकास प्रोजेक्ट होगा. इससे पहले वह धारावी स्लम रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर विवादों में रहा है.
मार्च में अडानी समूह ने इस परियोजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी. यह परियोजना 142 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी, जिसे लार्सन एंड टुब्रो जैसी अन्य बड़ी कंपनियां भी हासिल करना चाहती थीं. इस परियोजना का उद्देश्य मोतीलाल नगर के निवासियों को 1,600 वर्ग फुट के फ्लैट्स में मुफ्त पुनर्वास देना है. वहीं, जो किरायेदार वहां नहीं रहते हैं, उन्हें 987 वर्ग मीटर का कमर्शियल स्थान उपलब्ध कराया जाएगा.
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के उपाध्यक्ष और सीईओ संजीव जायसवाल ने कहा, ‘मोतीलाल नगर के निवासियों का लंबे समय से संजोया गया सपना अब साकार हो रहा है. हम इसे देश की सबसे बेहतरीन पुनर्विकास परियोजना बनाने का लक्ष्य रखते हैं. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी की निगरानी में पारदर्शिता, गुणवत्ता और सामाजिक प्रतिबद्धता सुनिश्चित की जाएगी.’
विरोध में रहवासी
हालांकि, मोतीलाल नगर के निवासियों ने इस परियोजना का विरोध दर्ज कराया है.
मोतीलाल नगर विकास समिति के अध्यक्ष युवराज मोहिते ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘हम निराश हैं और इस समझौते का विरोध करते हैं. यह निर्णय निवासियों से परामर्श किए बिना लिया गया है. हमने मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी को कई बार ज्ञापन देकर और औपचारिक रूप से कम से कम 2,000 वर्ग फुट कारपेट एरिया की मांग की थी, लेकिन हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया. इसके बजाय समझौते में 1,600 वर्ग फुट बिल्ट-अप एरिया का उल्लेख है. हम सड़क पर उतरकर विरोध कर सकते हैं.’
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित इस ‘विशेष परियोजना’ के तहत अडानी प्रॉपर्टीज़ कुल 397,100 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र प्रदान करेगी. वर्तमान में मोतीलाल नगर की कॉलोनियों — मोतीलाल नगर 1, 2 और 3 — में करीब 3,700 टेनेमेंट्स (रहवासी इकाइयां) हैं. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना का निर्माण कार्य सात साल में पूरा होने की उम्मीद है.
उधर, अडानी समूह की अगुवाई में चल रही धारावी पुनर्विकास परियोजना शुरुआत से ही विवादों से घिरी रही है — पहले इस बात को लेकर कि परियोजना के लिए अडानी को पक्षपातपूर्ण ढंग से चुना गया, और बाद में पुनर्वास की प्रस्तावित योजनाओं को लेकर भारी आलोचना हुई.
धारावी के कुछ लोगों को देवनार लैंडफिल, वडाला और कांजुरमार्ग के सॉल्ट पैन इलाकों तथा कुर्ला डेयरी प्लॉट जैसे दूरस्थ स्थानों में स्थानांतरित करने की योजना की व्यापक आलोचना हुई है. देवनार लैंडफिल के पास अभी भी कूड़े को प्रोसेस करने का काम चलता है, इस वजह से वह स्थान इंसानों के रहने के लिए उपयुक्त नहीं है. इसके अलावा, धारावी के निवासियों को उनके समुदाय और काम की जगह से दूर भेजने को लेकर भी गंभीर चिंताएं जताई गई हैं.























