जेल में बंद आसाराम को कोर्ट से जमानत मिल गई है. बलात्कार के केस में आसाराम को गांधीनगर की निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उन्हें ये बेल शर्तों के साथ मिली है, एससी ने आसाराम को निर्देश दिया है कि वह अपने भक्तों से दूर रहेंगे.
आसाराम, जो कि एक विवादित धर्मगुरु हैं, बलात्कार के एक गंभीर मामले में दोषी पाए गए थे. उनकी सजा जो कि गांधीनगर की निचली अदालत द्वारा दी गई थी, उम्रभर की सजा थी. इस फैसले के बाद आसाराम ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, और अब उन्हें यह जमानत मिल चुकी है. आसाराम बापू पर आरोप था कि उन्होंने 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया था. यह मामला काफी सुर्खियों में था और देशभर में उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच बहस का विषय बन गया था. आसाराम के खिलाफ न केवल यह बलात्कार आरोप था, बल्कि कई अन्य गंभीर आरोप भी थे, जिनमें मानसिक शोषण और दुर्व्यवहार के मामले भी शामिल थे.
उम्र कैद की सजा
गांधीनगर की निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रभर की सजा सुनाई थी, और तब से वे जेल में बंद थे. उनका यह मामला देश के सबसे चर्चित बलात्कार मामलों में से एक था, और इसने भारतीय समाज में धर्म और शक्ति के बीच के संबंधों को लेकर भी सवाल उठाए थे.
जमानत की शर्तें
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को जमानत दी है, लेकिन इसे कुछ खास शर्तों के साथ लागू किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि आसाराम को अब अपने भक्तों से पूरी तरह से दूर रहना होगा. इस शर्त का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वह अपनी जमानत का गलत इस्तेमाल न करें और समाज में अव्यवस्था का कारण न बनें. इसके अलावा, उन्हें कोर्ट के सामने नियमित रूप से पेश होने की भी शर्त दी गई है. जमानत के बाद, उन्हें अदालत में किसी भी तरह की गतिविधि में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपनी सजा से बचने के लिए कोई भी प्रयास न करें.