Baba Siddique Murder: मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसके बाद इस मामले को लेकर नए विवाद उठ खड़े हुए हैं. एनसीपी नेता के बेटे जीशान सिद्दीकी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने उन बिल्डरों से पूछताछ नहीं की, जिनका उन्होंने हत्याकांड में संदिग्ध बताया था. उनका कहना था कि पुलिस ने मामले से जुड़े अहम पहलू, खासकर स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) संपत्ति विवाद को नजरअंदाज कर दिया, जो वह मानते हैं कि इस हत्या का कारण था.
जीशान सिद्दीकी का आरोप
जीशान सिद्दीकी ने आरोपपत्र दाखिल होने के बाद मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि, ‘चूंकि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, मैं पुलिस से पूछता हूं कि क्या उन्होंने उन बिल्डरों से पूछताछ की है जिन पर मुझे शक है. मैंने अपने बयान में उनके नाम का उल्लेख किया था, लेकिन ऐसा पाया गया कि उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई.’
जीशान ने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजीत पवार से मुलाकात करेंगे, ताकि यह जान सके कि आखिर क्यों बिल्डर लॉबी की जांच नहीं की गई और उनका बयान क्यों दर्ज नहीं किया गया.
पुलिस का बयान
पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हालांकि इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें जीशान द्वारा बताए गए संदिग्धों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ‘हमने जीशान द्वारा बताए गए कुछ नामों की जांच की, लेकिन हमें इन संदिग्धों से पूछताछ के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले.’ पुलिस ने यह भी साफ किया कि उन्होंने मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों और उनके मकसद को सही तरीके से पकड़ा है.
क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है और घटनास्थल से दो शूटरों को पकड़ लिया है. हालांकि, पुलिस ने यह भी कहा कि जांच अभी भी जारी है और अगर जीशान द्वारा बताए गए नामों के खिलाफ कोई ठोस सबूत मिलते हैं, तो उनसे पूछताछ की जाएगी.
बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे के कारण को लेकर कई साजिशें सामने आई थीं. आरोपपत्र में यह कहा गया था कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई ने सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची थी, क्योंकि वह सलमान खान से जुड़ा था और सलमान का नाम गिरोह के रडार पर था. इस आरोप के बावजूद जीशान सिद्दीकी का कहना है कि हत्याकांड का असली कारण एसआरए संपत्ति विवाद है, जिसका प्रभावी तरीके से जांच नहीं की गई है.