इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पिछले एक साल से राज्य में जारी हिंसा के लिए खेद जताया है। उन्होंने आने वाले साल में राज्य में शांति बहाल होने की उम्मीद भी जताई है।
बीरेन सिंह ने कहा कि, “यह पूरा साल काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं 3 मई से अब तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए राज्य के लोगों से माफ़ी मांगना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है और कई लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मुझे इस स्थिति पर गहरा दुख है। मैं ईमानदारी से माफ़ी मांगता हूं।”
मणिपुर हिंसा के कारण अब तक 180 लोगों की हो चुकी है मौत
मणिपुर में एक साल से ज़्यादा समय से जारी हिंसा के कारण लगभग 180 लोगों की मौत हो चुकी है। संघर्ष तब शुरू हुआ जब मैतेई समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांगा, जिसका कुकी समुदाय ने विरोध किया। मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय की हिस्सेदारी करीब 53 प्रतिशत है, जिनमें से ज़्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। इसके विपरीत, नागा और कुकी समुदाय की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।
दो गांवों में बंदूकों और बमों से हुआ था हमला
पिछले शुक्रवार को इम्फाल पूर्वी जिले के दो गांवों में बंदूकों और बमों से हमला हुआ था। हालांकि इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। अधिकारियों ने संकेत दिया कि पहाड़ी इलाकों से आए हथियारबंद लोगों ने सनसाबी गांव और उसके आसपास के इलाकों में अंधाधुंध गोलीबारी और बम फेंकना शुरू कर दिया। वहीं इसके आलावा बीते सोमवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन PREPAK से जुड़े दो आतंकवादियों को जबरन वसूली की गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए इंफाल पश्चिम जिले में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से तीन मोबाइल फोन और बारह मांग पत्र भी जब्त किए गए।