1.4 C
New York
January 18, 2025
BBC LIVE
BBC LIVEtop newsदिल्ली एनसीआरराष्ट्रीय

DRDO के ‘हिम कवच’ से भारत की सेना को मिलेगी और भी मजबूती, माइनस 60 डिग्री में भी देश की रक्षा कर सकेंगे जवान

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में कार्यरत सैनिकों की सुरक्षा के लिए ‘हिमकवच’ नामक एक विशेष बहु-स्तरीय वस्त्र प्रणाली (ECWCS) का सफलतापूर्वक विकास किया है. यह प्रणाली -20 डिग्री सेल्सियस से लेकर -60 डिग्री सेल्सियस तक के अत्यंत ठंडे तापमान में सैनिकों को सुरक्षित रखने में सक्षम है.

DRDO ने हाल ही में एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि ‘हिमकवच’ ने सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास कर लिया है. यह उपलब्धि भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है. इस प्रणाली को विशेष रूप से उन सैन्य अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो हिमालय के कठोर और ठंडे वातावरण में किए जाते हैं.

क्या हैं ECWCS की विशेषताएं

हिमकवच प्रणाली में कई परतें शामिल हैं, जो इसे ठंडे वातावरण में प्रभावी बनाती हैं. इस बहु-स्तरीय वस्त्र प्रणाली को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सैनिकों को न केवल अत्यधिक ठंड से बचाती है, बल्कि इसे पहनने में भी आरामदायक और हल्का महसूस होता है. इसके निर्माण में उपयोग किए गए विशेष सामग्री और तकनीकें इसे अत्यधिक टिकाऊ बनाती हैं.

यह वस्त्र प्रणाली हिमालय के उन क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी होगी, जहां तापमान अत्यधिक कम हो जाता है और सैनिकों को प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. इस प्रकार की चुनौतियों में यह प्रणाली सैनिकों को प्रभावी ढंग से बचाने और उन्हें अधिक सक्षम बनाएगी.

सेना को जल्द मिलेंगे कवच

भारत जैसे देश के लिए, जहां हिमालयी सीमाओं पर कठोर जलवायु परिस्थितियों में सैनिकों को तैनात किया जाता है, ‘हिमकवच’ जैसी प्रणाली का विकास एक बड़ी उपलब्धि है. यह प्रणाली न केवल सैनिकों को ठंड के खतरों से सुरक्षित रखेगी, बल्कि उनकी कार्यक्षमता को भी बढ़ाएगी. डीआरडीओ द्वारा विकसित यह तकनीक, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने का एक और उदाहरण है. यह भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ देश की सीमाओं की रक्षा में एक नई मजबूती प्रदान करेगी.

हिमकवच का सफल परीक्षण यह साबित करता है कि भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए आधुनिक समाधान विकसित करने में सक्षम हैं. यह प्रणाली भविष्य में ठंडे इलाकों में सैन्य अभियानों की सफलता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी. बता दें कि इसे जल्द ही सेना को दे दिया जाएगा ताकि इससे भारत को सुरक्षा को एक नया बल मिल सके.

Related posts

जानें कब है विवाह पंचमी? शुभ मुहूर्त में इन कार्यों को करने से मिलता है लाभ

bbc_live

मप्र में 150 कांग्रेसियों को अनुशासन समिति का नोटिस

bbcliveadmin

विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग राष्ट्रीय युवा उत्सव 2025 के लिए छत्तीसगढ़ से चयनित हुए देवाशीष ,कृष्णा एवं अवनित

bbc_live

Leave a Comment

error: Content is protected !!