December 14, 2025 4:05 am

शहडोल और उमरिया में रेत माफिया फिर सक्रिय, खदानें बंद लेकिन सप्लाई पर नहीं पड़ा असर

अब्दुल सलाम क़ादरी

  • रात में हो रहा अवैध खनन, प्रशासन की कार्रवाई कागज़ों तक सीमित; ग्रामीणों ने उठाए गंभीर सवाल

शहडोल/उमरिया।
मध्यप्रदेश के शहडोल और उमरिया जिलों में रेत माफियाओं का नेटवर्क एक बार फिर तेजी से सक्रिय होता दिखाई दे रहा है। खनन विभाग द्वारा कई खदानों को बंद किए जाने के बावजूद भी रेत की सप्लाई बाजार में सामान्य बनी हुई है। इससे साफ है कि अवैध खनन और सप्लाई का पूरा तंत्र अंदरखाने बेरोकटोक चल रहा है।

खदानें बंद, पर रेत की आपूर्ति प्रभावित नहीं

स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार की ओर से खनन पर रोक के आदेश होने के बाद भी निर्माण कार्यों में किसी तरह की रेत की कमी नहीं देखी जा रही है। रेत माफिया रात के अंधेरे में नदी किनारों से चोरी-छिपे निकासी कर रहे हैं और हाईवे से लेकर गांवों के अंदरूनी रास्तों तक ट्रैक्टर-हाइवा आसानी से गुजर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है, “जब खनन बंद है तो रेत बाजार में कैसे मिल रही है?” यही सवाल प्रशासन की निगरानी प्रणाली पर भी बड़ा सवालचिह्न है।

शहडोल के बुढ़ार और गोहपारू क्षेत्र बने हॉटस्पॉट

शहडोल जिले में बुढ़ार, गोहपारू और ब्यौहारी क्षेत्र अवैध खनन के प्रमुख केंद्र बताए जा रहे हैं। नदी और नालों से माफिया लगातार रेत निकाल रहे हैं। कई ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट के चल रहे हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो जाती है।

ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर भी कार्रवाई बहुत धीमी होती है या फिर कुछ दिनों तक दिखावा कर रुक जाती है।

उमरिया के मानपुर और पाली में रातभर दौड़ते ट्रैक्टर

उमरिया जिले के मानपुर, पाली, बरहद और बंधावगढ़ क्षेत्र से अवैध रेत ढुलाई की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। रात 12 बजे के बाद से सुबह होने तक ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर बड़ी संख्या में रेत ले जाते दिखाई देते हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।

बाहरी जिलों से भी हो रही सप्लाई

रेत की बढ़ती मांग को देखते हुए माफिया सतना, अनूपपुर और कटनी जैसे जिलों से भी रेत मंगाकर शहडोल और उमरिया के बाजारों में बेच रहे हैं।
इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है और अवैध कारोबारियों की कमाई कई गुना बढ़ गई है।

प्रशासन की कार्रवाई सवालों के घेरे में

खनन और पुलिस विभाग सख्त कार्रवाई का दावा भले ही करते हों, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके उलट दिख रही है।
रेत माफियाओं के खुलेआम सक्रिय होने और रेत की निर्बाध सप्लाई से साफ है कि निगरानी तंत्र कमजोर पड़ गया है।

ग्रामीणों की मांग – अवैध खनन पर तत्काल रोक

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि:

  • रात के समय पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए
  • बिना दस्तावेज़ वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए
  • नदी क्षेत्रों में निगरानी के लिए स्थायी चौकियां स्थापित की जाएं

लोगों का कहना है कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी ईमानदारी से कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक रेत माफिया बेखौफ अपना नेटवर्क चलाते रहेंगे।

इसी कड़ी में अगला अपडेट जल्द…….

BBC LIVE
Author: BBC LIVE

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