रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद उन्हें दी गई जेड श्रेणी सुरक्षा हटा दी गई है। बुधवार को जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, तब उनके साथ सुरक्षा कर्मी थे, लेकिन अब उनकी सुरक्षा को हटा दिया गया है।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लखमा के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को तलब किया था, लेकिन वह शहर से बाहर होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके। ईडी ने गुरुवार को लखमा को पचपेढ़ीनाका स्थित अपने दफ्तर में दिनभर रखा, हालांकि उनसे किसी प्रकार की पूछताछ नहीं की गई। ईडी को इस मामले में कई आबकारी अधिकारियों के खिलाफ सबूत मिले हैं, और उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
ईडी द्वारा की जा रही जांच में लखमा के परिवार के वित्तीय लेन-देन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विशेष रूप से लखमा, उनकी पत्नी और बेटे हरीश के बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इसके तहत यह देखा जा रहा है कि कब, कितने पैसे का ट्रांजेक्शन हुआ और हरीश के नाम पर बन रहे मकान के लिए पैसे कहां से आए।
पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति बदलने के बदले हर महीने 2 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। ईडी इस मामले में व्यापक जांच कर रही है।
इस बीच, लखमा की गिरफ्तारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लखमा ने विधानसभा में साय सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था, जिससे बदले की भावना में उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। बघेल ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि लखमा ने पीडब्ल्यूडी के भ्रष्टाचार पर विधानसभा में सवाल उठाया था, जिस पर मंत्री ने खुद स्वीकार किया था कि लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के दौरान बिना विभागीय स्वीकृति के टेंडर किए गए थे।