रायपुर। राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) उज्ज्वल पोरवाल को हटा दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग की अवर सचिव क्लेमेंटिना लकड़ा की ओर से शुक्रवार को जारी आदेश में उन्हें रायपुर स्मार्ट सिटी से जांजगीर चांपा में अपर कलेक्टर के पद पर पुनः पदस्थ किया गया है। पोरवाल विभिन्न विवादों में घिरे रहे हैं, जिसके चलते कई कर्मचारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।
भ्रष्टाचार करने के लगे थे आरोप
उज्ज्वल पोरवाल पर भोपाल में कंसल्टिंग फर्म मेसर्स लॉयन इंजीनियरिंग के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे थे। स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग करके कई कर्मचारियों को नियुक्त करने के आरोपों के कारण यह मामला सुर्खियों में आया। स्मार्ट सिटी पहल से जुड़े भ्रष्टाचार के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया, जिसके कारण अक्सर कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती थी।
भाजपा पार्षदों ने भी सीओओ उज्ज्वल पोरवाल पर गबन का लगाया आरोप
हाल के वर्षों में भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट सिटी परियोजना के सीओओ उज्ज्वल पोरवाल पर गबन का आरोप लगाया है। पिछली सरकार के दौरान स्मार्ट सिटी की गतिविधियों को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच की मांग लगातार उठती रही है। बूढ़ातालाब में 340 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण परियोजना को लेकर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं।
उच्च स्तरीय जांच बैठाए जाने की चर्चाएं तेज
स्मार्ट सिटी के सीओओ को हटाए जाने के बाद अब उच्च स्तरीय जांच बैठाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरकार उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने की तैयारी में है, जो स्मार्ट सिटी मिशन से जुड़ी विकास गतिविधियों और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेगी। माना जा रहा है कि अगर जांच आगे बढ़ी तो कई अधिकारी फंस सकते हैं।