December 15, 2025 11:22 pm

टूटा शीशा घर में लाता है क्लेश, जानें इसके 3 गंभीर प्रभाव और क्यों है यह अशुभ

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जिसका उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना होता है. कहा जाता है कि अगर घर में ऊर्जा सही दिशा में बहती है, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.वास्तु के अनुसार कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें घर में रखना अशुभ माना जाता है. इन्हीं में से एक है टूटा हुआ शीशा या कांच.अगर आपके घर में कहीं भी टूटा हुआ शीशा रखा है, तो उसे तुरंत बाहर निकाल देना चाहिए.

वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार टूटा हुआ शीशा नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. शीशा व्यक्ति की छवि और ऊर्जा को दर्शाता है.जब शीशा टूट जाता है, तो वह सकारात्मक ऊर्जा को कम करता है और नकारात्मक प्रभाव बढ़ाने लगता है. इसका असर धीरे-धीरे पूरे घर और घर में रहने वाले लोगों पर पड़ता है.

घर में बढ़ता है क्लेश

टूटे हुए कांच या शीशे से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर के माहौल को बिगाड़ देती है. ऐसे घरों में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होने लगते हैं.परिवार के सदस्यों के बीच तनाव, मनमुटाव और अशांति बनी रहती है. बिना किसी बड़ी वजह के गुस्सा, चिड़चिड़ापन और मानसिक अशांति महसूस होती है. कई बार घर का माहौल इतना भारी हो जाता है कि शांति से रहना मुश्किल हो जाता है.

आर्थिक स्थिति पर पड़ता है असर

वास्तु के अनुसार टूटा हुआ शीशा आर्थिक नुकसान का भी संकेत माना जाता है. ऐसे घरों में पैसों की तंगी बनी रहती है. कमाई के रास्ते में रुकावटें आने लगती हैं और खर्चे अचानक बढ़ जाते हैं. मेहनत के बावजूद धन टिक नहीं पाता. कई बार नौकरी या व्यापार में नुकसान होने लगता है, जिससे व्यक्ति मानसिक तनाव में आ जाता है.

हर काम में आती है बाधा

अगर घर में टूटा हुआ शीशा रखा हो, तो व्यक्ति के काम भी अटकने लगते हैं. बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं और हर प्रयास में रुकावट महसूस होती है. चाहे पढ़ाई हो, नौकरी हो या कोई नया काम शुरू करना हो, हर क्षेत्र में सफलता मिलने में देरी होती है. इससे आत्मविश्वास भी धीरे-धीरे कम होने लगता है.

क्या करें?

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में में शीशा या कांच टूट जाए, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए. बेहतर है कि उसे घर से बाहर फेंक दें और उसकी जगह सही, साफ और बिना दरार वाला शीशा लगवाएं. इससे घर में फिर से सकारात्मक ऊर्जा आती है और सुख-शांति बनी रहती है.

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Author: Editor

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