बीबीसी लाइव भिवंडी महाराष्ट्र
रियाजुद्दीन अंसारी की रिपोर्ट
भिवंडी,
खुदा से प्रेम करने और उसकी इबादत की कोई उम्र नहीं होती. रमजान माह में रोजेदार रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं. इन्हीं रोजेदारों में एक 5 साल की मासूम बच्ची भी शामिल है. भिवंडी शहर के मोहल्ला इस्लामपुरा की रहने वाली 5 साल की नन्ही हिबा फातिमा यासर मोमिन ने पहला रोजा रखा है.
वे रोजा रखकर, नमाज अदा कर खुदा से देश में अमन चैन की दुआ मांगी है. मासूम बच्ची के की इस इबादत को देखकर लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं. अपने पहले रोजे को लेकर हिबा ने बताया कि रोजा रखकर उन्होंने खुदा से दुआ मांगी है कि देश-दुनिया में अमन शांति कायम रहे.मुस्लिम समुदाय का मुक़द्दस माहे रमजान चल रहा है। तपिश एवं उमस भरी गर्मी में लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। एक ओर जहां बड़े लोग रोज़ा रख रहे हैं तो दूसरी ओर छोटे बच्चे भी रोज़ा रख कर अपने रब की इबादत कर रहे हैं। भिवंडी इस्लामपुरा निवासी यासर मोमिन का परिवार अन्य लोगों की तरह ही रोजे रख रहा है, लेकिन इस परिवार को खास बनाया है 5 साल की हिबा फ़ातिमा ने जिसने पहला रोज़ा रखा है।
परिवार में सभी सदस्यों को पांच वक्त का नमाज़ पढ़ते देख हिबा नमाज़ भी अदा कर रही है। कम उम्र के बच्चों द्वारा रोज़ा रखने से लोग हैरान हैं। बच्चे अपने परिवार वालों के साथ सुबह चार बजे से सेहरी खाने के लिए जागते हैं और सेहरी खाकर फिर कुरआन की तिलावत में जुट जाते हैं।
लोगों का कहना है कि मार्च का महीना की इस तपिश भरी गर्मी में भी बच्चों द्वारा रोज़ा रखा जाना अपने आप में बड़ी बात है। दादा इक़बाल मोमिन ने बताया कि कहा मुसलमानों के लिए रोज़ा बहुत ही महत्वपूर्ण है इस माह में अल्लाह अपने नेक बन्दों के लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल देता है। बच्चे भी अल्लाह को राज़ी करने के लिए रोज़े रख रहे हैं इबादत कर रहे हैं। यह सब अल्लाह का करम है और हम उसके शुक्रगुज़ार हैं।