नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद एक बार फिर देश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बार केंद्र सरकार पर सवालों की बौछार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने की है। उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सीजफायर, अमेरिका की भूमिका और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
भूपेश बघेल ने कहा, “कांग्रेस सेना के साथ खड़ी है। जब भी देश पर संकट आया, हमने राजनीति नहीं, राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी। 1971 में अमेरिका के दबाव के बावजूद इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटा था। आज सवाल ये है कि क्या अब हम अमेरिका के दबाव में अपनी नीति बदल चुके हैं?”
सीजफायर पर केंद्र सरकार से पूछे कई सवाल
भूपेश बघेल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सीजफायर का एलान क्या हमारी कूटनीतिक विफलता नहीं है? क्या हमने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या शिमला समझौता अब निष्प्रभावी हो गया?
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ संघर्षविराम की शर्तें देश के सामने रखनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर स्पष्ट किया जाए कि सीजफायर किन परिस्थितियों में हुआ और इसके क्या प्रभाव होंगे।
पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब मांगा
भूपेश बघेल ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर भी केंद्र से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा, “बीजेपी प्रवक्ताओं द्वारा ‘बदला ले लिया गया’ जैसी बयानबाजी की जा रही है, लेकिन देश जानना चाहता है कि पहलगाम के चारों आतंकियों का क्या हुआ? क्या वे मारे गए या पकड़े गए?”
उन्होंने सुरक्षा में हुई चूक की ओर इशारा करते हुए पूछा कि इस लापरवाही की जिम्मेदारी किसकी है? क्या गृहमंत्री इस्तीफा देंगे?
सर्वदलीय बैठक की मांग
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर केंद्र सरकार को सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं, एकजुटता की जरूरत है।