रायपुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर हुए बड़े एंटी नक्सली ऑपरेशन को लेकर प्रदेश की राजनीति में जबरदस्त उबाल आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस ऑपरेशन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार से 8 तीखे सवाल पूछे। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पूर्व सीएम और कांग्रेस पर कड़ा पलटवार किया है।
भूपेश बघेल ने खड़े किए ये सवाल
भूपेश बघेल ने अपनी प्रेस वार्ता में सवाल उठाते हुए कहा कि—
-
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की वास्तविक जानकारी क्यों नहीं दी गई?
-
मारे गए लोगों की पहचान अभी तक क्यों नहीं हुई?
-
क्या मारे गए सभी लोग नक्सली थे?
-
ऑपरेशन की पारदर्शिता पर सरकार क्यों चुप है?
-
क्या किसी निर्दोष की भी मौत हुई है?
-
ग्रामीणों में डर का माहौल क्यों है?
-
ऑपरेशन के बाद सरकार की संवेदनशीलता कहां है?
-
आखिर घटना के बाद इतने दिन चुप्पी क्यों?
अरुण साव का पलटवार: “कांग्रेस फैला रही भ्रम और भय”
इन सवालों पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“कांग्रेस ने भय और भ्रम फैलाने का ठेका ले रखा है। जब भी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई करती है, कांग्रेस उसमें अड़ंगा डालने की कोशिश करती है।”
उन्होंने आगे कहा कि:
“डबल इंजन की सरकार पूरी ताकत से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन कांग्रेस देश और राज्य के हित के मुद्दों पर भी राजनीति और भ्रम फैला रही है।”
राजनीति या जनचिंता?
कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है, लेकिन विपक्ष इसे संवेदनशील मानवाधिकार और पारदर्शिता से जोड़ रहा है। इस मामले में अब न सिर्फ सुरक्षा नीति, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण भी चर्चा में आ गया है।
क्या कहता है भविष्य?
कर्रेगुट्टा एनकाउंटर और उससे जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग अब राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन चुकी है। राज्य सरकार पर पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर दबाव बढ़ता दिख रहा है, वहीं सत्तापक्ष इसे विपक्ष का राजनीतिक हथकंडा करार दे रहा है।