नई दिल्ली। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले जबलपुर हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने का आदेश दिया, और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री के आचरण पर सख्त टिप्पणी करते हुए उन्हें फटकार लगाई है।
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
मंत्री विजय शाह ने जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने मांग की थी कि चूंकि गुरुवार को हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई प्रस्तावित है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट को उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करनी चाहिए।
शाह की ओर से पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) के समक्ष जल्द सुनवाई की अपील की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए स्पष्ट कहा:
“अगर आपको इतनी ही जल्दी है, तो हाईकोर्ट जाइए। आप मंत्री हैं, इसका मतलब ये नहीं कि अदालतें केवल आपकी सुनें।”
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान विजय शाह के आचरण को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा:
“मंत्री को जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।”
कोर्ट का इशारा स्पष्ट था कि सार्वजनिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को अपने वक्तव्यों और आचरण में संयम रखना चाहिए, क्योंकि उनकी कही गई बातें आम जनमानस पर सीधा असर डालती हैं।
क्या है पूरा मामला?
मंत्री विजय शाह के खिलाफ कथित उकसाऊ और विवादास्पद बयानों को लेकर राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसी आदेश को चुनौती देने के लिए शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
राजनीतिक हलचल तेज
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने मंत्री विजय शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की है, जबकि सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।