रायपुर। कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद पूरे देश में ‘संविधान बचाव यात्रा’ निकालने का निर्णय लिया है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार संविधान की मूल भावना के साथ छेड़छाड़ कर रही है और लगातार नए संशोधनों के जरिए जनता के अधिकारों को सीमित किया जा रहा है। इसी के विरोध में कांग्रेस अब सड़कों पर उतरने जा रही है।
छत्तीसगढ़ में इस अभियान की शुरुआत 19 मई 2025 को जांजगीर-चांपा से होने जा रही है। इस रैली की कमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने संभाली है। आज वे जांजगीर-चांपा रवाना हुए, जहां वे यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
स्थगन के बाद अब नई तारीख, नई सियासत
दरअसल, पहले यह यात्रा मई की शुरुआत में प्रस्तावित थी, लेकिन भारत-पाक तनाव और अन्य कारणों से इसे स्थगित किया जाता रहा। इस स्थगन को लेकर सत्ता पक्ष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के भीतर आपसी मतभेद हैं, जिसके कारण यात्रा बार-बार टलती रही।
अब नई तारीख तय होने के बाद कांग्रेस ने इसे एक निर्णायक अभियान बताया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा —
“मोदी सरकार लगातार संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ कर रही है। हर दिन नए कानून और संशोधन लाकर लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित किया जा रहा है। हम यह यात्रा आम जनता को सचेत करने के लिए निकाल रहे हैं।”
सत्ता पक्ष ने किया पलटवार
कांग्रेस की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा —
“अगर ट्रिपल तलाक खत्म करना, एनआरसी लागू करना और संशोधन बिल लाकर जनता को अधिकार देना संविधान विरोध है, तो कांग्रेस को जरूर यात्रा निकालनी चाहिए। लेकिन हकीकत यह है कि मोदी के नेतृत्व में संविधान और देश दोनों मजबूत हुए हैं।”
क्या असर डाल पाएगी यह यात्रा?
कांग्रेस जहां ‘न्याय यात्रा’ के बाद अब ‘संविधान बचाव यात्रा’ से जन समर्थन जुटाना चाहती है, वहीं भाजपा इस यात्रा को सियासी स्टंट बता रही है। प्रदेश की सियासत में गर्मी साफ नजर आ रही है और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या यह यात्रा कांग्रेस के लिए जनभावना को पुनर्जीवित करने का जरिया बन पाएगी?