20 मई को फ्रांस में आयोजित हुए प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में इस बार भारत की एक खास शख्सियत ने न सिर्फ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, बल्कि जलवायु संकट जैसे गंभीर मुद्दे को भी वैश्विक मंच पर उठाया। यह शख्सियत थीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग की जूही व्यास, जिन्होंने न केवल अपने स्टाइल से सबका ध्यान खींचा, बल्कि अपने उद्देश्यपूर्ण संदेश से दिल भी जीता।
जूही व्यास ने ग्रीनपीस इंडिया और वॉइस ऑफ द प्लैनेट अभियान के तहत भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने जो ड्रेस पहनी थी, वह कोई सामान्य फैशन स्टेटमेंट नहीं था। यह वियतनामी डिज़ाइनर नगुयेन टी ट्रीन द्वारा डिजाइन की गई एक प्रतीकात्मक ड्रेस थी, जो तापमान वृद्धि, जैव विविधता के संकट और पर्यावरणीय असंतुलन को दर्शा रही थी।
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में जूही ने लिखा, “मैं एक छोटे शहर से आती हूं, कोई बॉलीवुड कनेक्शन नहीं, कोई सुपर मॉडल स्टेटस नहीं। लेकिन मेरे पास एक उद्देश्य था और उसे निभाने का साहस।” उन्होंने कहा कि यह ड्रेस कपड़े में सिली हुई जलती धरती है, जो समुद्रों की पीड़ा, लुप्त होती प्रजातियों और जलवायु बदलाव की गूंज है।
जूही ने यह भी कहा, “फैशन विरोध की आवाज बन सकता है और रेड कार्पेट एक क्रांति का मंच।” उन्होंने छोटे शहरों के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “अगर मैं यहां खड़ी हो सकती हूं, तो आप भी खड़े हो सकते हैं। आपकी आवाज मायने रखती है।”