छत्तीसगढ़ में धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों की कोई कमी नहीं है, लेकिन डोंगेश्वर महादेव धाम एक ऐसा स्थान है, जो आस्था और रहस्य का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है। राजनांदगांव जिले से लगभग 75 किलोमीटर दूर यह धाम प्राकृतिक सौंदर्य और शिव भक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
यहां की सबसे खास बात यह है कि नंदी महाराज के संगमरमर से बने मुख से “गुप्त गंगा” की जलधारा बारहों महीने अविरल बहती रहती है। यह जलधारा शिवलिंग पर स्वतः प्रवाहित होती है और आज तक इसका स्रोत गुप्त है।
डोंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण वर्ष 1974 में गंडई के पूर्व जमींदार लाल डोगेन्द्रशाह खुशरों की प्रेरणा से हुआ था। पहले इस स्थान को चोड़रापाट कहा जाता था, जिसे अब चोड़राधाम कहा जाता है।
यह मंदिर न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक रूप से भी बेहद आकर्षक है। बड़े-बड़े चट्टानों के बीच बहती जलधारा, हरे-भरे जंगल और शांत वातावरण यहां आने वाले हर व्यक्ति को मानसिक शांति और सुकून देता है।
सावन महीने में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस दौरान विशेष मेले का आयोजन होता है, जहां लोग गुप्त गंगा के जल से अभिषेक कर पुण्य प्राप्त करते हैं।
अगर आप शिव भक्ति और प्रकृति के बीच सुकून तलाश रहे हैं, तो डोंगेश्वर महादेव धाम एक आदर्श स्थल है — जहां आस्था,