नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में इस वक़्त हलचल तेज है। बिहार के सीएम नीतीश एक बार फिर पलटी मारने को तैयार दिख रहे है। आरजेडी से तनाव के बीच नीतीश की NDA में जाने की अटकलें तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो नई सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे। वह 28 जनवरी को 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
आपको बता दे कि, सियासी हलचल के बीच जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को तुरंत पटना आने के लिए कहा है। पार्टी के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए है। बीजेपी के तमाम नेता दिल्ली में हाईकमान के साथ सिलसिलेवार मीटिंग कर रहे हैं। इसके बाद से ही नीतीश के NDA में जाने की अटकले तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो बीजेपी एक बार फिर नीतीश कुमार को गले लगाने का मन बना चुकी है।
इस फार्मूले से बना सकते है नई सरकार
NDA में जाने के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे। इसके साथ ही बीजेपी अपने दो डिप्टी सीएम बना सकती है। मंत्रिमंडल में पुराने फॉर्मूले के तहत ही मंत्रियों की संख्या तय होगी। लेकिन नए चेहरों को भी मौका दिया जाएगा। नई सरकार में सुशील मोदी और जीतन मांझी डिप्टी सीएम पद की शपथ ले सकते है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बाद बदला समीकरण
बिहार में लालू और नीतीश के बीच अनबन की खबरे कुछ समय पहले से ही आ रही थी। लेकिन बीजेपी ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की जयंती के एक दिन पहले मास्टरस्ट्रोक खेला। जिसके बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद श्रेय लेने की राजनीति शुरू हुई और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू तीनों दलों के नेता आपस में भिड़ गए।
कर्पूरी ठाकुर की जयंती के दिन परिवारवाद पर हमला
कर्पूरी ठाकुर की जयंती के दिन सीएम नीतीश कुमार और तेजश्वी यादव एक साथ जाने वाले थे। लेकिन नीतीश कुमार अकेले ही कार्यक्रम में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, जैसे कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया, वैसे ही हम भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते हैं। जबकि कुछ लोग तो अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं। नीतीश के इस हमले को खासतौर पर आरजेडी में लालू परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार से जोड़कर देखा गया।