जगदलपुर। शराब और कोयला घोटाले में ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले में सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बदले की कार्रवाई बताई है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ईडी को स्वतंत्र एजेंसी बताया है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के शराब और कोयला घोटाले में एंटी करप्शन व्यूरो (एसीबी) में पूर्व मंत्रियों और अधिकारियों पर केस दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार, शराब घोटाले में 35 नामजद और कोयला घोटाले में 71 नामजद आरोपितो एफआईआर दर्ज कराई है। ये एफआईआर 17 जनवरी को दर्ज की गई है।
वहीं ईडी एफआईआर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है। सीएम साय ने जगदलपुर में कहा कि ईडी के एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, वो अपना काम कर रही है।
नक्सलियों के खात्मे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है, विकास के साथ-साथ नक्सलियों का उन्मूलन किया जाएगा। बुलडोजर की कार्रवाई पर साय ने कहा कि अवैध रूप से काबिज लोगों को हटाना जरूरी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 3 साल से ईडी और आईटी जांच कर रही है, अब एसीबी को कहा कि FIR करें। जब ईडी और आईटी जांच कर रही थी, तब ना यूडी मिंज का नाम था, ना अमरजीत भगत का नाम था। आज अचानक एसीबी ने केस रजिस्टर करते हुए सभी नेताओं का नाम लिख दिया। सरकार प्रदेश के नेताओं को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रही है।
पूर्व बघेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री काफी छोटी सोच के हैं। जब एसीबी जांच कर रही है, तब किसी नेता का नाम नहीं आया था। लोकसभा को ध्यान में रखते हुए इन्हें बदनाम किया जा सके।