Nehru Indira Gandhi speech fact check: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार यानी 5 फरवरी को लोकसभा में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का जिक्र किया. नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का मानना था कि भारतीय आलसी हैं, उनमें बुद्धि की कमी है और वे निराशा से भरे हैं. प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने दो भाषणों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये भाषण स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से नेहरू और इंदिरा गांधी की ओर से दिए गए थे. उन्होंने कहा कि मुझे पढ़ने दीजिए कि स्वतंत्रता दिवस पर नेहरू ने लाल किले से क्या कहा था. उन्होंने (नेहरू) कहा- भारतीयों को कड़ी मेहनत करने की आदत नहीं है. हम उतनी मेहनत नहीं करते जितनी यूरोप या जापान या चीन या रूस के लोग करते हैं. ये समुदाय अपनी कड़ी मेहनत और बुद्धिमत्ता से समृद्ध हुए हैं. तो, नेहरू दूसरे देशों को प्रमाणपत्र दे रहे थे, जबकि भारतीयों को हेय दृष्टि से देख रहे थे. उनका मानना था कि भारतीय आलसी और बुद्धिहीन हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी की मान्यताएं भी अलग नहीं थीं. प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी को कोट करते हुए कहा- उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से, जब कोई अच्छा काम पूरा होने वाला होता है, तो हम आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आती है, तो हम आशा खो देते हैं. कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरे देश ने पराजयवादी रवैया अपना लिया है.
कांग्रेस के बारे में उनका अनुमान सटीक था: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज, कांग्रेस को देखकर, मुझे लगता है कि इंदिरा भारतीयों के बारे में गलत थीं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के बारे में उनका अनुमान सटीक था. पीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस के राजघराने के लोग मेरे देशवासियों के बारे में यही सोचते थे और उनका विश्वास आज भी वैसा ही है.
नेहरू के किस भाषण का जिक्र कर रहे थे पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने अपने भाषण के बारे में ये जिक्र तो नहीं किया कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने ये स्पीच किस साल दिया था, लेकिन 1959 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेहरू ने जो भाषण दिया था, उसकी कुछ लाइन पीएम मोदी के जिक्र किए गए भाषण से मिलती है. भारत को आजादी मिलने के 12 साल बाद दिए गए इस भाषण में, नेहरू ने अपने देशवासियों से अधिक आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया. भाषण के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, नेहरू ने हिंदी में कहा कि सरकार और अधिकारी मदद के लिए यहां हैं, लेकिन एक समुदाय अधिकारियों की ओर से दी गई मदद से आगे नहीं बढ़ता है, वह अपने पैरों पर आगे बढ़ता है.